वामा रंगप्रसंग संयुक्तांकका विमोचन
कला स्तोत्र द्वारा आयोजित समारोह में निसर्ग नाट्य संस्था का सहयोग रहा।
समारोह में सर्वप्रथम निसर्ग संस्था की कलाकार-सदस्य सुश्री अंकिता दीक्षित द्वारा सभी मंचासीन विदुषी वक्ताओं का माल्यार्पण कर स्वागत और अभिनन्दन किया गया। निसर्ग अध्यक्ष ललित सिंह पोखरिया द्वारा पुरुष वक्ताओं का माल्यार्पण किया गया।
"वामा रंगप्रसंग" के नाम से प्रकाशित यह अंक देश भर की सक्रिय महिला रंगकर्मियों का बृहद अभिलेख है।
इस आयोजन में मंच पर उपस्थित डॉ. ऊषा सिन्हा (पूर्व विभागाध्यक्ष-भाषा विज्ञान, लखनऊ विश्वविद्यालय), डॉ. अपूर्वा अवस्थी (सहायक प्राध्यापक - नवयुग कन्या डिग्री कॉलेज) डॉ. अलका पाण्डेय (प्रोफ़ेसर - हिन्दी, लखनऊ विश्वविद्यालय), प्रख्यात कथक नृत्यांगना एवं रंगकर्मी सुश्री कुमकुम धर सुश्री प्रतिमा सिंह (वामा रंगप्रसंग- मुखपृष्ठ चित्रकार) और कला वसुधा सम्पादक डॉ. ऊषा बनर्जी ने "वामा रंगप्रसंग" पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये। वरिष्ठतम विदुषी डॉ. उषा सिन्हा जी ने सम्पूर्ण वामा रंगप्रसंग पर व्यापक प्रकाश डाला।
सभागार में उपस्थित वरिष्ठ रंगकर्मी व लेखिका सुश्री आभा सक्सेना व सुश्री कुमकुम शर्मा जी ने वामा रंगप्रसंग पर प्रकाश डालते हुए अपने जीवन के रंगमंचीय संस्मरण भी सुनाये।
सभागार में उपस्थित पूर्व बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र सिंह और आकाशवाणी अल्मोड़ा के सेवानिवृत्त निदेशक व रंगचिन्तक श्री प्रतुल जोशी जी ने पत्रिका के साथ-साथ वर्तमान रंग परिदृश्य पर भी अपने विचार रखे।
अन्त में कला वसुधा के प्रधान सम्पादक श्री अशोक बनर्जी जी ने कला स्रोत और सभी उपस्थित महानुभावों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि कला वसुधा विसंगति और विकृति के इस दौर में मनुष्यता के तत्वों को बचाने का प्रयास कर रही है।