Media4Citizen Logo
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल
www.media4citizen.com

अन्नपूर्णा पूजा : भक्ति भाव से आयोजन

भक्ति भाव से आयोजन
भक्ति भाव से आयोजन

चैत्र नवरात्र पर अष्टमी के दिन मां महागौरी के साथ साथ मां अन्नपूर्णा पूजा का भी विधान है। बंगाल में इस दिन को अन्नपूर्णा पूजा के रूप में मनाया जाता है। कहीं मूर्ति तो कहीं चित्र रखकर मां की पूजा अर्चना की जाती है।

राजधानी लखनऊ की बात करें, तो विगत 112 साल पुरानी पूजा आज भी परिवार की दूसरी और तीसरी पीढ़ी के समस्त सदस्यों द्वारा बड़े ही उत्साह और भक्ति भाव से मां अन्नपूर्णा और महादेव की मूर्ति स्थापित करके पूजा का आयोजन किया जाता है।

एक समय था जब राजधानी में जोगेंदो पाठक रोड की इस पूजा के साथ साथ मॉडल हाउस के अन्य दो अन्य घरों में भी मां की पूजा होती थी। 

सबसे पुरानी और वर्तमान में एक मात्र पूजा जोगेंदो पाठक रोड की अन्नपूर्णा पूजा के बारे में जानकारी देते हुए सुरेश कुमार बताते हैं कि साल 1912 में हमारे पिताजी जय प्रसाद महादेव द्वारा मां की पूजा प्रारंभ की गई। उसके बाद हमने पूजा का दायित्व संभाला और आज परिवार की तीसरी पीढ़ी द्वारा मां की हर साल की तरह इस साल भी पूजा की जा रही है।

समय के साथ परिवर्तन, इस बारे में जानकारी देते हुए नरेश कुमार बताते हैं कि पहले परिवार, रिश्तेदार और कुछ मित्र ही पूजा में शामिल होते थे, लेकिन मां अन्नपूर्णा की कृपा और आशीर्वाद से आज, पारिवारिक सदस्यों के अलावा, राजधानी के अलग अलग स्थानों और आस पास के सभी लोग आते हैं और पूजा में शामिल होते हैं।

तीसरी पीढ़ी के युवा सौरभ बताते हैं कि इस दिन का मैं और मेरी बहन साक्षी हर साल बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। महीने भर पहले घर की साफ सफाई, रंगाई पुताई और बाज़ार हाट सभी की व्यवस्था सभी लोग मिलजुल कर करते हैं।

बहुत अच्छा लगता है लेकिन पूजा का नाम सुनते ही एक अलग ही आनंद की अनुभूति होती है। 

पूजा के बारे में जानकारी देते हुए परिवार की बहू मधु बताती हैं कि रात भर घर के बच्चे पूजा मंडप को फूलों, विद्युत झालरों और साड़ियों से सजाते हैं, जहां पर हर साल की तरह इस साल भी मां अन्नपूर्णा संग प्रभु महादेव की लगभग 4 फीट मूर्ति स्थापित की गई।

सुबह पुरोहित द्वारा विधि विधान से मां अन्नपूर्णा की पूजा, पुष्पांजलि, आरती आदि की गई। सुबह मां को नाना प्रकार के फल, मिष्ठान, बूंदी और नमकीन का प्रसाद निवेदन करने के पश्चात् दोपहर में मां को खिचड़ी, सब्जी, भाजा, चटनी और पायस का भोग निवेदन किया गया।

तत्पश्चात् मां का भोग सभी भक्तों में वितरित किया गया, जो देर शाम तक चला। खास बात ये है कि मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से सभी भोग ग्रहण करते हैं क्यों कि मां के दरबार में सभी समान है, फिर चाहे वो निर्धन हो या अमीर।

शाम को आरती, धुनुची आरती, गीत संगीत के बाद पूड़ी, आलू की सब्जी और हलुआ का भोग मां को निवेदन किया गया।।

बबिता बसाक, लखनऊ


Published: 10-04-2025

Media4Citizen Logo     www.media4citizen.com
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल