श्रीमती ललिता पांडेय एक कुशल कलाकार हैं जिन्होंने ने कोविड के समय का सदुपयोग करके प्रतिदिन एक पेंटिंग बनाना आरंभ किया था, और आज वे अपने द्वारा बनाई गई पेंटिंग की अनेकों प्रदर्शनी लगा चुकीं हैं।
ये वर्ली ,अपन, मधुबनी,कुमाऊनी,गोंड,सोहरा पटचित्र,म्यूरल,कलमकारीआदि कलाओं से आज लखनऊ में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
इस कार्यक्रम में पद्मश्री डा विद्या बिंदु सिंह, श्री अशोक बनर्जी पूर्व संयुक्त निदेशक सूचना विभाग लखनऊ,श्री सर्वेंद्र विक्रम सिंह,पूर्व निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग लखनऊ श्री के के अस्थाना ,प्रो हरिशंकर मिश्र पूर्व आचार्य लखनऊ विश्वविद्यालय, श्रीमती नूतन वशिष्ठ अध्यक्ष कथा रंग लखनऊ एवं श्री विमल पंत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ
सभी अतिथियों का स्वागत उत्तरीय, पुष्प पौध देकर किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री डा विद्या ,बिंदु सिंह ने कहा कि सभी कलाओं में लोककला सर्वश्रेष्ठ है। ललिता जी द्वारा बनाए गए सभी चित्र अद्भुत है। कला वसुधा के संपादक श्री अशोक बनर्जी ने कहा कि जैसे संगीत में सम बहुत महत्वपूर्ण है वैसे ही जीवन में भी सम अत्यंत आवश्यक है। ललिता जी संगीत की सुंदर पेंटिंग बनाई है।
पूर्व बेसिक शिक्षा निदेशक श्री सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि ललिता जी ने जो सुंदर संसार रचा है उसके लिए उन्हें शुभकामनाएं। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व आचार्य प्रो हरिशंकर मिश्र ने कहा कि चित्रकला सभी कलाओं की आंख है।कलाकार समाज की दशा में पहुंच कर ही सृष्टि करता है वह सभी से ऊपर उठ कर सृष्टि करता है।
समाधि में जाकर ही कला की सृष्टि होती हैकलाकार के सभी गुण ललिता जी में है। कथा रंग की अध्यक्ष श्रीमती नूतन वशिष्ठ ने कहा कि ललिता जी की सहजता और आत्मीयता के कारण हम सब उनसे जुड़े हैं
ललिता जी ने विषम परिस्थितियों से मुकाबला कर के एक नयी ऊर्जा से कला के द्वारा अपना मुकाम बनाया है लखनऊ के प्रसिद्ध व्यंग्यकार के के अस्थाना ने ललिता जी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं । इस अवसर पर श्रीमती ललिता पांडेय ने कहा कि मैंने पंकज आर्ट्स फाउंडेशन की स्थापना की है मैं आज बहुत भावुक भी हूं और प्रसन्न हूं मैं यही चाहती हूं कि मैं नित नयी पेंटिंग बनाती रहूं और आगे युवाओं और बच्चों को भी पेंटिंग सिखाना चाहती हूं।
कार्यक्रम का संचालन डा अपूर्वा अवस्थी और प्रो सीमा सरकार ने किया। इस अवसर पर लखनऊ के विभिन्न कलाप्रेमी और साहित्यकार उपस्थित रहे