प्रसिद्ध कथाकार एवं एक्टिविस्ट मधु कांकरिया ने ’एक लेखक की उदास रात की कहानी ’ शीर्षक से व्याख्यान दिया। जिसमें वर्तमान समय में लेखक की दोहरी चुनतियों के ज्वलंत प्रश्न उठाये गये ।
जबलपुर से आए प्रसिद्ध कथाकार एवं ’अन्विति’ पत्रिका के संपादक राजेंद्र दानी ने एवं इलाहाबाद से आए युवा कथाकार मनोज पांडे ने अपनी कहानियों का पाठ किया जिस पर वरिष्ठ कथाकार शिव मूर्ति प्रसिद्ध आलोचक वीरेंद्र यादव, और तद्भव पत्रिका के संपादक एवं कथाकार अखिलेश ने महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए।
प्रश्नोत्तर काल में श्रोताओं द्वारा रचना एवं व्याख्यानों पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए एवं संबंधित लेखकों द्वारा उनका समाधान किया गया।