राज्य का किसान सड़कों पर : शेखावत
अमरनाथ तिवारी : नई दिल्ली : कोरोना के कहर से सारा देश जूझ रहा है और लोग संक्रमण को रोकने के लिए घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं लेकिन राजस्थान का किसान राज्य सरकार की असंवेदनशीलता के चलते सड़क पर आने के लिए मजबूर है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा कोरोना संकट काल में बिजली के दामों में बढ़ोतरी निंदनीय है. राजस्थान के उस किसान समुदाय को आज छला जा रहा है जिससे बिजली के दाम ना बढ़ाने का वादा कर वोट मांगे गए थे, जिससे कर्जमाफी की बात कही गई थी. आज भी राजस्थान के लगभग 22 लाख किसान भाइयों के कर्ज माफ नहीं हुए हैं. आज सत्तारूढ़ गहलोत सरकार बिजली के दाम न बढ़ाने के अपने वादे से मुकर गई है, जो अभी आधे महीने पहले अपनी सरकार बचाने के लिए विधायकों पर पानी की तरह पैसा बहा रही थी. मैं जानना चाहता हूं कि जब मुख्यमंत्री के पास अपने विधायकों को खुश करने के लिए पैसे की कमी नहीं थी तो गरीब किसान का बिजली का बिल माफ करना उनके लिए कैसे संभव नहीं है ! गहलोत सरकार ने आखिर क्या सोच कर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा प्रतिमाह बिजली के बिल पर दिए जाने वाले अनुदान को पिछले साल बंद कर दिया था ! कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राजस्थान का किसान अपने परिश्रम और धैर्य से धरती को हरा भरा करने में सफल रहता है. विपरीत प्राकृतिक स्थितियों में प्रशासनिक सहायता उसके लिए संबल का कार्य करती है परन्तु जब खुद चुनी हुई सरकार ही मुश्किल में पीछे हट जाए तो किसान सहायता के लिए किसके पास जाएगा ?