11 दिवसीय गणेशोत्सव संपन्न
आज प्रातः से ही राजधानी में चारों ओर गणपति बप्पा मोरया की जय जयकार सुनाई दे रही थी,
घरों, सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों, पार्कों आदि में गणपति जी की गत सोमवार (18 sep से 28 sep ) को स्थापना की गई, लखनऊ का एक मात्र महाराष्ट्र भवन (पुराना आर टी ओ ऑफिस) में भी 18 सितम्बर को शाम 7 बजे मराठी रीति रिवाज और मंत्रो उच्चारण के साथ श्री गणपति समाज के हॉल में विराजे,
सभी ने श्री गणेश का स्वागत किया और पूजा अर्चना की, हमेशा की तरह इस बार भी स्थापना के दिन नव विवाहित जोड़े के कर कमलों से पूजा अर्चना हुई,
पुष्पांजलि, आरती के बाद सभी ने एक दूसरे को उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी और मोदक, खिरापत, लड्डू, पेड़ा आदि प्रसाद ग्रहण किया उत्सव के दौरान समाज में प्रति दिन विविध कार्यक्रम भी हुए,
गायन, चित्रकला, वाद विवाद, हल्दी कुमकुम, महिला मंडली प्रोग्राम और पुणे की कल्पना देशपांडे का एकपात्री, अभिमन्यु हर्षे की संध्या प्रस्तुति तथा वाराणसी के कुमार वेदांत केलकर का हरी कीर्तन ने अपनी अपनी भावमय और अद्वितीय प्रस्तुति देकर समस्त दर्शकों का मन जीत लिया,
इसके अलावा समाज की ओर से वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, सर्वाधिक अंक प्राप्त विद्यार्थियों, और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया,
24 सितम्बर को महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्री गणेश को मराठी व्यंजनों का भोग निवेदन किया गया, तत्पश्चात सभी ने प्रसाद ग्रहण किया,
समाज के अतिरिक्त मवैया, सुंदरबाग, शिवाजी मार्ग, चारबाग, आलमबाग, चौक, गोमती नगर, इंदिरा नगर, नरही, याहिया गंज, अमीनाबाद, नजीरा बाद, कैसरबाग तथा झूलेलाल पार्क आदि जगहों पर गणपति की 11 दिनों विशेष धूम देखी गई, जिसे देखकर यदि आप राजधानी को मिनि महाराष्ट्र कहें तो अतिशयोक्ति न होगी।
11वें दिन शोभा यात्रा के साथ नाचते गाते पुरूष, महिलाऐं और बच्चों ने कुड़िया घाट और झूलेलाल तट पर जाकर पूजा अर्चना के बाद श्री को सभी के कल्याण सुख समृद्धि और आयोग्य की कामना के साथ विदाई दी।