अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण है। मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा जनपदों में सर्वेक्षण करने वाले समस्त कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ तकनीकी सहयोगी प्रदान किया जाना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाए जाने में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। डिजिटल क्रॉप सर्वे द्वारा फसलवार आच्छादन की सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि उत्पादों से आय का वास्तविक आकलन संभव हो सकेगा। किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये बार-बार सत्यापन कराने से मुक्ति मिल जाएगी। डिजिटल क्राप सर्वे के डाटा से किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना सहित विभिन्न योजनाओं में त्वरित सत्यापन सुगमता से हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि सर्वे से कृषि आधारित उद्योग हेतु कृषि उत्पादों के बारे में समय से सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिसके आधार पर उद्योग स्थापना एवं संचालन में सुगमता हो सकेगी। किसानों को सीधे बिना बिचौलिए के संस्थागत विपणन से जोड़ने का अवसर प्राप्त होगा। क्षेत्र विशेष में बोई गई फसलों हेतु आवश्यक कृषि निवेश कि उपलब्धता हेतु कृषि इनपुट सप्लायर के साथ कृषकों को जोड़ने का अवसर सुगम हो जाएगा। अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर नवोन्मेषी कार्यक्रमों का संचालन संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम में बताया गया कि उत्तर प्रदेश मे राजस्व परिषद ( राजस्व विभाग) द्वारा वर्षों से होने वाले खसरा पड़ताल की ऑफलाइन व्यवस्था का डिजिटलीकरण की प्रासंगिकता के दृष्टिगत वर्ष 2020 में पहली बार ऑनलाईन कराया गया। खतौनी के अंश निर्धारण का कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। भारत सरकार की डीआईएलआरएमपी योजना के अंतर्गत स्कैन किये जाने योग्य नक्शा के डिजिटलीकरण का लगभग 98 प्रतिशत कार्य वर्ष 2022 के अंत तक ही पूर्ण कराकर राजस्व विभाग के भू-नक्शा पोर्टल पर सर्व सुलभ करा दिया गया है।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं यथा पीएम गतिशक्ति एवं एग्री स्टैक को लागू करने के लिए जिओ रेफेस डिजिटल मैप की आवश्यकता महसूस की गई। महत्वाकांक्षी योजनाओं को ससमय उत्तर प्रदेश में लागू करने के दृष्टिगत विगत 6 माह पूर्व राजस्व परिषद (राजस्व विभाग द्वारा राज्य सरकार से बजट प्राविधानित कराकर राजस्व ग्रामों के डिजिटल नक्शों के जिओ रेफेसिंग का कार्य दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ कराया गया। वर्तमान समय में 36 जनपदो के 90 प्रतिशत राजस्व ग्रामों के डिजिटल मैप्स के जियो रिफरेन्सिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
अपर मुख्य सचिव (कृषि), डॉ देवेश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिजिटल क्रॉप सर्वे के महत्त्व एवं उसके लाभ को रेखांकित करते हुए उनके विभिन्न फ़ायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा कृषकों को उनके खेत में बोई गई वास्तविक फसल के उत्पाद बिक्री हेतु अपने अभिलेख का सत्यापन कराने के मुक्ति मिल जाएगी, जिससे कृषक के फसल उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन का खरीद में सरलीकरण हो जायेगा। फसल नुकसान की स्थिति नै कृषक को वास्तविक क्षति का मुआवजा प्राप्ति में सरलीकरण हो जाएगा। समय-समय पर किसानों को उनके फसल विशेष हेतु लक्षित फसल सलाह प्रदान किया जा सकेगा। बोई गई फसल के वास्तविक उपज के आंकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से क्रॉप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा। आपदा के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत / अनुदान का समयबद्ध सर्वेक्षण तथा राहत वितरण संभव हो सकेगा।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 मे उत्तर प्रदेश को सम्मिलित करते हुए देश के 12 राज्यों मे डिजिटल क्रॉप सर्वे (एथी स्टैक) अर्थात मोबाइल ऐप के माध्यम से खसरा पडताल (ई-पड़ताल का कार्य पायलेट आधार पर कराया जा रहा है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु भारत सरकार द्वारा तैयार किये गए एग्री स्टैंक मोबाइल ऐप के प्रूफ ऑफ कांसेप्ट का सफल परीक्षण कृषि एवं राजस्व विभाग के सयुंक्त नेतृत्व में अमेठी जनपद की तिलोई तहसील के सराय माधो ग्राम में दिनांक 16 जून, 2023 को किया गया।
एग्री स्टैक एक डिजिटल फाउंडेशन है जो भारत में कृषि में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को आसानी से एक साथ लाने और डेटा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों के लिए बेहतर योजनाओं का नियोजन, सेवाओं तक कृषकों की सुगम पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया जा रहा। एग्री स्टैक का निर्माण कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य के साथ मिलकर किया जा रहा है।
एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। विभिन्न हितधारकों दद्वारा विभिन्न किसान और कृषि केद्रित लाभदायी योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। एग्री स्टैक की स्थापना के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री अभिलेखों के डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र (जिओ रेफरेन्स विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सर्वे (क्रॉप सोन रजिस्ट्री) शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के कुल गाटा संख्या 7.87 करोड़ के 20 प्रतिशत गाटा को सम्मिलित करते हुए पायलट योजना के रूप में 21 जनपदों में पूर्ण रूप से तथा 54 जनपदों के 10 राजस्व ग्राम पंचायतों में डिजिटल काम सर्वे का कार्य संचालित किया जायेगा तथा आगामी वर्षों में सभी जनपदों में समग्र रूप से योजना क्रियान्वित की जायेगी योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश के 21 जनपदों (भदोही, संत कबीर नगर, औरया, महोबा, हमीरपुर, सुल्तानपुर वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मुरादाबाद, जालौन, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अयोध्या चंदौली, झांसी, बस्ती, हरदोई, देवरिया एवं गोरखपुर में शत प्रतिशत जिओ रेफरन्स आधारित खेतों का खरीफ-2023 एवं रबी 2023-24 में खसरावार डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है। शेष 54 जनपदों से 10-10 राजस्व गांव चयनित किए जाएंगे, जिसमें पायलट आधारित डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जायेगा।
मुख्य ज्ञान अधिकारी भारत सरकार श्री राजीव चावला के द्वारा इस प्रशिक्षण को संपादित करने की तकनीकी पहलुओं को रेखांकित करते हुए सर्वेक्षण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ० देवेश चतुर्वेदी, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया, सचिव कृषि श्री राजशेखर, अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त श्री टी०के०सी, कृषि निदेशक श्री विवेक कुमार सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार में संयुक्त निदेशक श्रीमती रुचि शर्मा, सहायक निदेशक श्री शाश्वत यादव, आईटी कंसलटेट श्रीमती सरिता तिरुमला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।