दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश डॉ. सुरेश मिश्रा ने भक्तों को आज विशाल भगवती जागरण में देवी मन्दिर और अपने परिवार का इतिहास बताया कि उनका पैत्रिक परिवार परदादा स्वर्गीय पंडित सीता राम मिश्रा, दादा स्वर्गीय पंडित जटा शंकर मिश्रा व पिता स्वर्गीय पण्डित श्री शेषमणि मिश्रा सन 1860 से वैदिक ज्योतिष ,वास्तु एवं धार्मिक कार्यक्रमों को विश्व कल्याण हेतु वाराणसी से सेवा प्रदान कर रहा है ।
31 दिसम्बर 1963 को श्री दुर्गा देवी मन्दिर की स्थापना उनके पूज्यनीय पिता स्वर्गीय पण्डित शेषमणि मिश्रा संस्थापक ने समस्त पिपली के भक्तों द्वारा करवायी थी। तभी से नवरात्र में चैत्र और आश्विन मॉस की त्रयोदशी को भगवती जागरण और चौदस नवरात्र को यज्ञ व भंडारा प्रारम्भ हुआ था।
उसी श्रृंखला में समस्त पिपली निवासियों के सहयोग से मां भगवती जागरण आश्विन मॉस की त्रयोदशी नवरात्र मंगलवार ,15 अक्तूबर 2024 को श्रवण राज गायक एण्ड पार्टी बाबैन द्वारा किया गया उन्होंने कण्ठ करो प्रवेश माँ शारदे ,मेनू नचना श्याम दे नाल,चलो बुलावा आया है आदि भेंटें गाकर मन्त्र मुग्ध किया। मुख्य यजमान रामकुमार गर्ग और संदीप गर्ग ने सपरिवार भगवान श्री गणेश पूजन और नवग्रह पूजन किया और माँ ज्वाला की ज्योति प्रज्ज्वलित की। श्री दुर्गा देवी मन्दिर की ओर से पीठाधीश डॉ. सुरेश मिश्रा ने मुख्य यजमान रामकुमार गर्ग और श्रवण राज और सतीश पंडित भजन गायक को लाल चुन्नी और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
चौदस नवरात्र बुधवार 16 अक्तूबर 2024 को यज्ञ मुख्य यजमान नरेश पिपलानी व भक्तों ने किया एवं भण्डारा मन्दिर परिसर में हुआ I
श्री दुर्गा देवी मन्दिर के पुजारी पण्डित राहुल मिश्रा,निखिल मोद्गिल व शुभम मिश्रा ने वैदिक मन्त्रों से पूजा -अर्चना करवाई I प्रथम नवरात्र से चौदस नवरात्र तक प्रतिदिन समस्त विश्व कल्याण हेतु माँ दुर्गा का संकीर्तन और श्री दुर्गा चालीसा पाठ हुआ। इस शुभ अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, ऊषा शर्मा,अनु पाहवा, निशा अरोड़ा, कोमल, पायल,आशा कवात्रा , शिमला धीमान,विनोद छाबड़ा,सतपाल बंसल, अशोक अरोड़ा,सुमित गोयल, सुरेंद्र गर्ग व समाज सेवी केवल कृष्ण छाबड़ा आदि उपस्तिथ रहे।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक