उत्तरभारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय कौशिक ने आज असाध्य रोगों के निवारण के साथ धनतेरस के महत्व के बारे में बताया कि दिवाली का त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। धनतेरस हर वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता हैं जो अब की बार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ कुबेर जी एवं गणेश व लक्ष्मी जी की पूजा करना व सोना चांदी इत्यादि खरीदने का प्रचलन है। अबकी बार इस दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है जो 6.31 सुबह से अगले दिन 10.31 सुबह तक रहने वाला है इस समय में की गई खरीदारी से तीन गुना लाभ मिलता है। इस दिन किसी धार्मिक स्थान पर केले का या पीपल का पेड़ लगाने से आपके सुख ओर समृद्धि में पूरे वर्ष वृद्धि होती है।
इस दिन रोग निवारण के लिए रोगी को भगवान धन्वंतरि की पूजा कर अपने रोग के निवारण के लिए प्राथना करने से रोगों का निवारण होता हे।
मान्यताओं पर आधारित, संजय कौशिक शिव मार्केट नजदीक पंचमुखी चौक ढांड कैथल।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक