आदेश मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तत्वावधान में चिकित्सा शिक्षा इकाई (एमईयू) द्वारा दो दिवसीय पाठ्यक्रम कार्यान्वयन सहायता कार्यक्रम (सीआईएसपी) का आयोजन किया गया। जिसकी शुरूआत आदेश मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निदेशक डा. गुणतस सिंह गिल ने की और डा. पीजीआई रोहतक की डिप्टी डीन और प्रोफेसर डा. सविता वर्मा कार्यशाला की पर्यवेक्षक रहीं।
इस कार्यक्रम में मैडिकल के क्षेत्र में पाठ्यक्रम विकास और कार्यान्वयन में अंतर्दृष्टि, सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन दृष्टिकोणों पर चर्चा की गई। 21वीं सदी में स्वास्थ्य देखभाल की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा पद्धतियों के विषय पर सुझाव दिये गये। इस कार्यक्रम में तीस से अधिक लोग शामिल हुए और अपने-अपने सुझाव रखे। आदेश मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नवदीप सिंह लांबा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अवश्य ही परिवर्तन व नवीनीकरण के क्षेत्र में मजबूत कार्यक्रम हैं।
डा. लांबा ने इस कार्यक्रम के आयोजन की पहल के लिए एमईयू समन्वयक और प्रोफेसर डॉ. गुरलीन कौर को बधाई दी। उन्होंने क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा वितरण के भविष्य को आकार देने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को प्रसिद्ध शिक्षकों और चिकित्सकों की विशेषज्ञता और अनुभव से लाभ हुआ, जिससे पाठ्यक्रम डिजाइन, मूल्यांकन रणनीतियों और शैक्षणिक नवविचारों में मूल्यवान ज्ञान हासिल हुआ। विविध पृष्ठभूमि के संकाय सदस्यों के बीच विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान ने सीखने के अनुभव को और समृद्ध किया और सहयोग और नवविचारों की भावना को बढ़ावा दिया।
आदेश अस्पताल के निदेशक डा. गुणतास सिंह गिल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मानकों को आगे बढ़ाने के प्रति आदेश मेडिकल कॉलेज सदैव कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए सशक्त बनाना है जो उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को पूरा करती है और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार करती है।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक