अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में दूसरे दिन योग साधकों को योग की अनेक विधाओं को सिखाया गया। आज का दिन मानव धर्म और आर्ट ऑफ लिविंग के नाम रहा। सुबह से ही योग के सत्र आयोजित हो गए थे।
शनिवार को सुबह ही गंगा तट पर योग के सत्र शुरू हो गए थे। सबसे पहले मानव धर्म संस्था की तरफ से साधकों को योग कराया गया। आज दूसरा सत्र सत्र आर्ट ऑफ लिविंग का था। इस सत्र में भी साधकों ने योग की विभिन्न बारीकियों को जाना।
प्राकृतिक ऊर्जा या अलौकिक ऊर्जा के द्वारा कैसे स्वस्थ रहा जा सकता है, इसे लेकर भी विशेष सत्र का आयोजन आज किया गया। कॉस्मिक हीलिंग के इस विशेष सत्र को डॉक्टर उर्मिला पांडे द्वारा कराया गया। इसमें योग साधकों को बताया गया कि कैसे ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है।
संगीत हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है ।
इसलिए योग महोत्सव के दूसरे दिन म्यूजिक थेरेपी - डिस्कशन विद डेमोंस्ट्रेशन किया गया। शाम होते होते योग सत्र में भक्तिपूर्ण वातावरण बनने लगता है। शनिवार शाम को भी आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से भक्ति संगीत का कार्यक्रम हुआ इसमें योग सीख रहे साधक मगन रहे।
सूरज ढलते ही गंगा की संध्या आरती हुई। इस संध्या आरती में न सिर्फ योग सीखने के लिए आए साधक शामिल हुए, बल्कि कई पर्यटक भी यहां पंहुचे। संध्या आरती के तुरंत बाद आखिरी कार्यक्रम भी बेहद शानदार रहा। उत्तराखंड की जानी मानी कलाकार प्रियंका मैहर के कार्यक्रम का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। प्रियंका ने अपने गीतों के जरिए इस समारोह में शामिल हो रहे तमाम लोगों का खूब मनोरंजन किया।