अंकुर पब्लिक स्कूल ने रोबोटिक्स कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान विद्यार्थियों को जागरूक भी किया गया । बता दे
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवा छात्रों को रोबोटिक्स और तकनीक की रोमांचक दुनिया से परिचित कराना है। कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार इस कार्यशाला के उद्देश्य हैं । बताया की जिज्ञासा और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना , व्यावहारिक और अनुभवात्मक शिक्षण प्रदान करना , समस्या-समाधान कौशल विकसित करना , टीमवर्क और सहयोग को बढ़ावा देना , तकनीक और नवाचार से प्रेरित भविष्य के लिए छात्रों को तैयार करना , इन उद्देश्यों को पूरा करके, कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को नवाचार, आलोचनात्मक सोच और प्रौद्योगिकी की असीम संभावनाओं की खोज के लिए सशक्त बनाना है।
इस रोबोटिक्स कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को रोबोटिक्स की दुनिया को रोचक और शिक्षाप्रद तरीके से समझने का अवसर प्रदान करना है। कक्षा 4 और 5 के छात्रों को लक्ष्य बनाते हुए, कार्यशाला का उद्देश्य रोबोटिक्स की बुनियादी जानकारी और इसके वास्तविक जीवन में उपयोग को समझाना है। यह कार्यशाला व्यावहारिक कौशल को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई है, जहां छात्र सरल रोबोटिक मॉडल बनाना और प्रोग्राम करना सीख सकते हैं। यह सिद्धांत और व्यवहारिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटने में मदद करता है। इसके अलावा, कार्यशाला नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है, जिससे छात्र आलोचनात्मक सोच विकसित कर सकें और चुनौतियों के लिए नवीन समाधान निकाल सकें। समूह परियोजनाओं और गतिविधियों में भाग लेकर, छात्र टीमवर्क और संचार कौशल का विकास करते हैं। अंततः, यह कार्यशाला छात्रों को तकनीकी प्रगति के लिए तैयार करने और उनकी जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
कार्यप्रणाली : रोबोटिक्स कार्यशाला को रीडिंग रेनबो स्कूल और अंकुर पब्लिक स्कूल (APS) के बीच एक संयुक्त प्रयास के रूप में आयोजित किया गया। कार्यशाला की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1) योजना और समन्वय:
रीडिंग रेनबो स्कूल के शिक्षकों और छात्रों ने अंकुर पब्लिक स्कूल के साथ मिलकर कार्यशाला की योजना बनाई।
कार्यशाला का उद्देश्य APS के छात्रों और शिक्षकों को बुनियादी रोबोटिक्स प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करना था।
2) कार्यशाला का क्रियान्वयन:
परिचय और सेटअप:
• रीडिंग रेनबो स्कूल की शिक्षिका (सुश्री पिंकी पांडे) ने प्रतिभागियों को रोबोटिक्स की बुनियादी जानकारी दी। उन्होंने सर्किट, सेंसर और प्रोग्रामिंग जैसे मूलभूत विषय समझाए।
• रीडिंग रेनबो स्कूल के छात्रों ने APS के छात्रों को कोडिंग के सरल चरण समझाते हुए उनके नोटबुक में कोडिंग लिखने की प्रक्रिया सिखाई।
हैंड्स-ऑन लर्निंग:
• प्रतिभागियों को सिखाया गया कि सरल रोबोटिक्स किट का उपयोग कर LED को कैसे जलाया और बुझाया जाए।
• छोटे रोबोट के कार्यशील मॉडल का प्रदर्शन किया गया, जिससे रोबोटिक्स को व्यवहारिक रूप से समझने में मदद मिली।
सॉफ़्टवेयर इंस्टॉलेशन:
• कार्यशाला के दौरान रीडिंग रेनबो स्कूल की शिक्षिका ने APS के सिस्टम पर एक रोबोटिक्स प्रोग्राम इंस्टॉल किया। हालांकि, उच्च डेटा आवश्यकताओं के कारण यह प्रोग्राम सुचारू रूप से कार्य नहीं कर सका।
3) ज्ञान हस्तांतरण:
APS के शिक्षक और छात्र सक्रिय रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल रहे, ताकि कार्यशाला में सीखे गए कौशल और ज्ञान को लंबे समय तक उपयोग में लाया जा सके।
4) मूल्यांकन और फॉलो-अप:
• हालांकि प्रोग्राम इंस्टॉलेशन में कठिनाई आई, लेकिन व्यावहारिक प्रदर्शनों और गतिविधियों ने प्रतिभागियों को रोबोटिक्स के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया।
निष्कर्ष:
इस कार्यशाला ने न केवल APS के प्रतिभागियों को रोबोटिक्स की मूलभूत जानकारी दी, बल्कि उन्हें आगे के विकास के लिए एक ठोस आधार भी प्रदान किया है ।