तीर्थस्थान घोषित करे सरकार
शनिवार 7 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन की अगुवाई में धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी को तीर्थक्षेत्र के रूप में घोषित किए जाने को लेकर केंद्र शासन से मांग की गई। इस आंदोलन में अनेक हिन्दू संगठन सम्मिलित हुए। जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि झारखंड सरकार ने जैन समुदाय का पवित्र तीर्थस्थल झारखंड में स्थित सम्मेद शिखरजी को व्यावसायिक दृष्टि से पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। केंद्र शासन द्वारा वर्ष 2019 में निकाली गई अधिसूचना के कुछ प्रावधान वापस लिए जाने से झारखंड सरकार का धार्मिक स्थल को पर्यटनस्थल बनाने का रास्ता रुक गया है। जिसके लिए केंद्र सरकार का आभार किया। इसके साथ ही धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी को तीर्थक्षेत्र के रूप में घोषित करने की मांग की है। बताया जैन समुदाय के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने सम्मेद शिखरजी इस पवित्र पर्वत पर साधना कर मोक्षप्राप्ति की थी। इसलिए इस धार्मिक स्थल में जैन समुदाय की अटूट आस्था है। जैन पंथ में मान्यता है। सम्मेद शिखरजी पर्वत की 27 कि.मी. की पदयात्रा करने से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है, ऐसी धारणा जैन समुदाय की है।
वही आंदोलनकारियों ने इस अवसर पर पाकिस्तान के सिंजोरों शहर में बीते वर्ष के आखिर में दया भील नामक विधवा हिन्दू महिला की क्रूरतापूर्ण हत्या की निंदा की, और भारत सरकार से इस प्रकरण का गंभीरता से संज्ञान लेकर, संयुक्त राष्ट्रसंघ में पाकिस्तानी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार दूर करने की भूमिका रखकर वैश्विक मंच पर करने की मांग करे, ऐसी मांग भी इस आंदोलन में की गई।