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चरम पर मौसमी घटनाएं : और मानव सभ्यता

महामारी से जूझती दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन सबसे बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते तापमान के खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सतत विकास पर दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। बढ़ते तापमान का प्रभाव समुद्री बर्फ के पिघलने, समुद्र का स्तर बढ़ने अधिक हीट वेव और अन्य चरम घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है।

और मानव सभ्यता
और मानव सभ्यता

 

महामारी से जूझती दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन सबसे बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते तापमान के खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सतत विकास पर दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
बढ़ते तापमान का प्रभाव समुद्री बर्फ के पिघलने, समुद्र का स्तर बढ़ने अधिक हीट वेव और अन्य चरम घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है।

चरम मौसमी घटनाएं
चरम मौसम या चरम जलवायु घटनाओ में अप्रत्याशित असामान्य गंभीर और unseasonal weather शामिल हैं।
आम तौर पर चरम मौसम को अतीत में दर्ज की गयी किसी मौसमी घटना के आधार पर परिभाषित किया जाता है। इसमें हीट वेव, कोल्ड वेव, चक्रवात, बाढ़ और सूखे को शामिल किया जा सकता है।

2021: चरम मौसमी घटनाओं का एक वर्ष

साल 2021 में दुनिया भर में चरम मौसमी घटनाएं देखी जा रही हैं।
.हीट डोम : कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में तापमान रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच गया जिससे सैकड़ो लोगों की जान गयी।
.जर्मनी में आयी बाढ़ ने 180 से अधिक लोगों की जान ले ली।
.भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों से टकराने वाले चक्रवात ताऊते और यास का प्रभाव देखा गया।
.मार्च महीने में न्यू साउथ वेल्स (ऑस्ट्रेलिया) में आयी बाढ़।
.दुनिया भर में इस तरह की मौसम आपदाओं की आवृति और बढ़ती ताकत ने जलवायु परिवर्तन के बारे में नयी चिंताओं को जन्म दिया है।
.वैज्ञानिक ने ग्लोबल वार्मिंग और बदलते मौसम के बीच एक मजबूत लिंक की बात कही है।

जलवायु परिवर्तन: कारण
औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि मौसम के पैटर्न में व्यापक बदलाव से जुड़ी है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि हीट वेव और अत्यधिक वर्षा जैसी मौसम की चरम घटनाएं बढ़ते मानवजनित जलवायु परिवर्तन के कारण और बढ़ सकती हैं।
नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA ) के अनुसार, इस साल मई में वातावरण में carbon dioxide का औसत 419 PPM था। जो कि पिछले 63 वर्षों में सबसे उच्तम स्तर बताया गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक चरम मौसम के पैटर्न पर जलवायु के प्रभाव को तुरंत निर्धारित करना कठिन है, लेकिन इस बात के बहुत सरे सबुत हैं कि जलवायु परिवर्तन से उच्च तापमान और हीट वेव्स बढ़ गयी हैं।
Climate Science Special Report के अनुसार वैश्विक तापमान में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।

चुनातियाँ
.मानव जनित ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन
.खाद्य सुरक्षा
.स्वास्थ्य
.पर्यावरण
.सतत विकास प्रभावित

आगे की राह
.ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के वैश्विक प्रयास तेज किये जाने चाहिए।
.चरम मौसमी दशाओं से निपटने के लिए नीतिगत एक्शन प्लान बनाये जाने चाहिए।
.UN के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति


Published: 26-07-2021

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