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ग्लोबल वार्मिंग : प्रभाव अब दिखने लगे हैं

ग्लोबल वार्मिंग के कारण औसत तापमान में वृद्धि होने लगी है, गर्मी बढ़ गयी है , मौसम असंतुलित हो गया है, हमारे ग्लेशियर पिघलने लगे हैं. प्रभाव अब दिखने लगे हैं आइये जानते है ग्लोबल वार्मिंग के अन्य प्रभाव।

प्रभाव अब दिखने लगे हैं
प्रभाव अब दिखने लगे हैं

ग्लोबल वार्मिंग औसत तापमान में वृद्धि को दर्शाता है| 1880 के बाद से औसत वैश्विक तापमान में लगभग १ डिग्री सेंटीग्रेट की वृद्धि हुई है. ये एक सतत प्रक्रिया है. वैज्ञानिको को आशंका है कि 2035 तक औसत वैश्विक तापमान अतिरिक्त 0.3 डिग्री से 0.7 डिग्री सेंटीग्रेट तक बढ़ सकता है.
कुछ गैसे जैसे कार्बन-डाई-ऑक्साइड, मेथेन पृथ्वी के वातावरण में सूरज की गर्मी को अपने अंदर रोकती हैं. ये ग्रीन हाउस गैसे वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से भी मौजूद हैं। वायुमंडल में इन ग्रीन हाउस गैसों की उच्च सांद्रता पृथ्वी पर अधिक गर्मी बढ़ने के लिए जिम्मेदार है , जिससे वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है। जलवायु वैज्ञानिक मानते हैं की ग्लोबल वार्मिंग के पीछे मानव की गतिविधियां प्रमुख हैं। एनवायर्नमेंटल एंड एनर्जी स्टडीज इंस्टिट्यूट के अनुसार जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का उपयोग अक्सर एक दूसरे के लिए किया जाता है ,लेकिन जलवायु परिवर्तन मोटे तौर पर औसत मौसम (जैसे तापमान,वर्षा आद्रता ,हवा,वायुमंडलीय दबाव, समुद्र के तापमान ) लगातार वृद्धि के लिए जाना जाता है. जबकि ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिए जाना जाता है.

 

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव:
वैश्विक तापमान में वृद्धि से तूफ़ान ,बाढ़,जंगल की आग, सूखा और लू के खतरे की आशंका बढ़ जाती है। एक गर्म जलवायु में वायुमंडल अधिक पानी एकत्र कर सकता है और बारिश कर सकता है। बढ़ी हुई वर्षा से कृषि को लाभ हो सकता है लेकिनएक ही दिन में अधिक तीव्र तूफानों के रूप में वर्षा होने से फसल, सम्पति और बुनियादी ढांचों को नुकसान होता और प्रभावित क्षेत्रो में जन जीवन को नुकसान भी हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारन समुद्र के सतह का तापमान भी बढ़ जाता है क्यूंकि पृथ्वी के वातावरण की अधिकांश गर्मी समुद्र द्वारा अवशोषित हो जाती है. गर्म समुद्री सतह के तापमान के कारन तूफ़ान का बनना आसान हो जाता है. मानव जनित ग्लोबल वार्मिंग के कारन ये आशंका जताई जाती है के तूफ़ान से वर्षा के दर बढ़ेगी, तूफ़ान की तीव्रता बढ़ जाएगी और श्रेणी 4 या 5 के स्तर तक पहुंचने वाले तूफानों का अनुपात भी बढ़ जायेगा।


Published: 10-07-2021

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