मियां की टोपी मियां के सिर
लखनऊ में आज पेट्रोल का मूल्य 95.26 रु प्रति लीटर है और दिल्ली में इससे पौने 9 रुपए अधिक, 103.97 रूपए प्रति लीटर है. ज्ञात रहे कि सेंट्रल एक्साइज टैक्स लगने के पश्चात केंद्र सरकार दिल्ली और उत्तरप्रदेश को एक ही मूल्य पर पेट्रोल की आपूर्ति करती है. आखिर क्यों ? दूसरा अत्यन्त महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दिल्ली में पेट्रोल की खपत 10-11 लाख टन है. अर्थात दिल्ली की जनता को मुफ्त पानी के नाम पर यमुना का जहरीला पानी पिला रहा केजरी पेट्रोल के नाम पर दिल्ली की जनता की जेब से हजारों करोड़ रुपये उड़ा रहा है. मुल्लों के मुहावरे "मियां की टोपी मियां के सिर" वाले हथकंडे से ही सरकार चलाने के नाम पर केजरी दिल्ली में नटवरलाली कर रहा है.
मुफ्त की गंगा में हराम के गोते लगवाने की जानलेवा कीमत वसूलता है केजरी. दिल्ली से वसूल भी चुका है. 24 करोड़ जनसंख्या वाले उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण 95 व्यक्ति प्रति दस लाख की मृत्यु दर से कुल 22909 लोगों की मृत्यु हुई है. मात्र 2.1 करोड़ जनसंख्या वाली दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण उत्तरप्रदेश से साढ़े बारह गुना अधिक, 1195 व्यक्ति प्रति दस लाख की मृत्यु दर से कुल 25095 लोगों की मृत्यु हुई है. अब इसका कारण भी समझिए. मुख्यमंत्री योगी के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान उत्तरप्रदेश में 15 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं लेकिन केजरीवाल के पहले 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेज तो छोड़िए एक भी नया अस्पताल तक दिल्ली में नहीं बना. सितंबर 2019 में एक RTI के जवाब में खुद केजरी की सरकार ने बताया था कि फरवरी 2015 से मार्च 2019 तक के केजरी के कार्यकाल के दौरान कोई भी नया अस्पताल नहीं बना है. किसी भी नए अस्पताल के निर्माण का कोई प्रस्ताव तक पारित नहीं हुआ है. हद तो यह है कि दिसंबर 2013 में दिल्ली की सत्ता से विदा हुईं शीला दीक्षित की सरकार की विदाई के समय जिन 3 अस्पतालों का निर्माण अधूरा रह गया था. उन 3 अस्पतालों का निर्माण भी केजरी ने पूरा नहीं करवाया था. अतः कोरोना के कहर के कारण अगर उत्तरप्रदेश से साढ़े 12 गुनी ज्यादा मृत्युदर दिल्ली में रही है तो आश्चर्य क्यों ?
लेकिन आजकल उत्तरप्रदेश में खुद केजरी और उसका गुर्गा नंबर वन संजय सिंह यह हुड़दंग कर रहा है कि उत्तरप्रदेश में भयंकर कुशासन है, मुख्यमंत्री योगी को शासन करना नहीं आता. हम उत्तरप्रदेश को संभालेंगे. केजरीवाल की इस निर्लज्जता, अंधेरगर्दी को देखकर मुझे यह अनुभव हो रहा है कि एक कुलवधू को कोई नगरवधू ताने मार रही है, सच्चरित्रता का पाठ पढ़ा रही है. केजरी की सरकार के विज्ञापनों के घुंघरू बांध कर बेसुध होकर नाच रहे न्यूज चैनल क्योंकि उपरोक्त तथ्य, उपरोक्त सत्य दिखाने बताने के बजाए उन पर पर्दा डालने में जुटे हैं.