कार्यक्रम में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संजीव खन्ना, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की अध्यक्षता में आयोजित किया।, समारोह विशिष्ट आतिथ्य माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संदीप मेहता, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली का रहा।
कार्यक्रम का आयोजन माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्रीमान् एम. एम. श्रीवास्तव, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन तथा माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् पंकज भंडारी, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में आयोजित किए गए, जिनमें राजस्थान उच्च न्यायालय के समस्त माननीय न्यायाधिपतिगण की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के प्रथम भाग One Day Colloquium on Legal Aid & Social Justice: Challenges & Opportunities in Access to Justice में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् पंकज भण्डारी, राजस्थान उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, रालसा द्वारा सभी गणमान्य अतिथिगण एवं कार्यक्रम के प्रतिभागीगण का कार्यक्रम में स्वागत किया गया।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्रीमान् मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय तथा मुख्य संरक्षक, रालसा द्वारा अपने उद्बोधन में राजस्थान में विधिक सेवा गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रत्येक योग्य व्यक्ति को निःशुल्क विधिक सहायता दिलाने हेतु रालसा द्वारा निरंतर नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। माननीय मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, रालसा द्वारा विशेष योग्यजनों को राजकीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, आदर्श विधिक सेवा केन्द्र जैसी रालसा की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए माननीय कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा को राज्य स्तर पर किए जा रहे विधिक सेवा प्रयासों से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संदीप मेहता, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने विशेष उद्बोधन में प्रदेश में विधिक सेवाओं की प्रासंगिकता तथा आवश्यकता पर बल देते हुए बताया गया कि उनके द्वारा पूर्व में बतौर अधिवक्ता नियमित रूप से प्रो-बोनो सेवाएं दी जाती थी तथा राजस्थान में न्यायाधीश के रूप में भी उनके द्वारा वरिष्ठ अधिवक्तागण के साथ मिलकर प्रो-बोनो संस्कृति को बढ़ावा दिया गया। माननीय द्वारा यह बताया गया कि मीडिएशन तथा लोक अदालत में राजस्थान द्वारा सफल प्रयास किए जाते रहे हैं तथा वैकल्पिक विवाद निस्तारण के माध्यम से ही भविष्य में न्यायालयों के भार को कम किया जा सकेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संजीव खन्ना तथा विशिष्ट अतिथि गाननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संदीप मेहता, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित 02 पुस्तकें यथा बाल रचनाएं (2023-2024) एवं एक्शन प्लान (वर्ष 2024-2025) व रालसा चैटबॉट का विमोचन किया गया।
श्रीमान संजीव खन्ना, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा राजस्थान के प्रो-बोनो अधिवक्ता पैनल के साथ-साथ सम्पूर्ण विधिक सेवा प्रणाली की उपलब्धियों की सराहना करते हुए विधिक
सेवा तंत्र को और मजबूत कर घर-घर तक पहुंचाने पर जोर दिया गया। माननीय द्वारा यह बताया गया कि सम्पूर्ण भारत एवं प्रदेश में दी जाने वाली विधिक सेवाओं के आंकड़ों का गहन विश्लेषण करने के पश्चात् यह बात स्पष्ट हो जाती है कि धरातल पर काम करने वाली पैरा लीगल वॉलियंटर्स की सेना के माध्यम से ही विधिक सेवा का नया दौर आरम्भ किया जा सकता है। माननीय द्वारा प्री अरेस्ट स्टेज से लेकर जेल में दाखिल विचाराधीन बन्दियों तक को न्याय की शीघ्र, सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण पहुंच दिलाने हेतु जेल प्रशासन के साथ मिलकर और सकारात्मक प्रयास करने पर भी विशेष बल दिया गया।
माननीय द्वारा उपस्थित सभी अधिवक्ताओं को वैकल्पिक विवाद निस्तारण तथा मध्यस्थता के क्षेत्र में अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में माननीय न्यायाधिपति डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर द्वारा गणमान्य अतिथिगण, सभी प्रतिभागीगण, मीडियाकर्मी तथा राजस्थान उच्च न्यायालय, रजिस्ट्री एवं रालसा के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण आदि को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय भाग में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में Rajasthan State Conference of District Legal Services Authorities का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संजीव खन्ना, कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा द्वारा अध्यक्ष एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, समस्त राजस्थान से विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए प्रदेश में विधिक जागरूकता एवं निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने में आने वाली समस्याओं तथा उनके निवारण हेतु आवश्यक सकारात्मक प्रयासों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। माननीय कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा द्वारा प्रदेश की विधिक सेवा तंत्र को और मजबूत बनाए जाने पर विशेष रूप से जोर दिया गया।