रविवार से राजधानी लखनऊ के सभी बाजार पहले की तरह खुलने की अनुमति प्रशासन दवारा दे दी गई. केवल रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक प्र्रतिबंध जारी रहेगा. शासन के इस फैसले को लेकर लोगों में कितना उत्साह है. इस समय यह फैसला कितना सही है, जानते हैं विभिन्न वर्गों दवारा दी गई उनकी प्रतिक्रिया को:-
व्यापारियों दवारा शासन के इस फैसले से उनमें उत्साह व अपार खुशी है. सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है. कपडा व्यापारी जितेंद्र झबलाली कहते हैं आजकल बाजारों में रौनक है उपभोक्ता भी अब खरीदारी करने के लिए बाहर निकल रहे हैं. रविवार को बाजार खुलने से व्यापार में तेजी आयेगी. प्राइवेट नौकरी कर्मचारी रीना यादव कहती है हमें एक ही दिन छुट्टी मिलती है. पहले रविवार को लॉकडाउन था, रविवार का लॉकडाउन भी खत्म हो गया है अब आराम से अपना निजी काम निपटा सकेंगे.
चश्मा व्यापारी कहते है ये सही है लॉकडाउन खुलने के बाद उतनी तेजी नही व्यापार में लेकिन उम्मीद तो कर ही सकते हैं लेकिन हमंे सावधानी नहीं छोडनी चाहिए क्योंकि सावधानी रखेगें तभी हम आने वाले समय मे भी स्वयं और औरों को भी सुरक्षित रखने में कामयाब होगे और तभी लॉकडाडन खुलने का फैसला पूरी तरह कामयाब होगा.
अपराजिता खन्ना कहती हैं हममें से कितने लोग काम से ही घर से बाहर निकलते हैं और कितने लोग घर पर रहना पसंद करते हैं और क्या बाहर निकलते समय मॉस्क, दो गज की दूरी, सेनेटाइजर या साबुन पानी का प्रयोग करते हैं. जो भी पाबंदी थी, अब वो भी खत्म. रविवार का लॉकडाउन खुलना इस समय जब त्योहारों का मौसम चल रहा है और लोग दिल खोलकर खरीदारी कर रहे हैं. इसका कितना अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव होगा ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा.
अध्यापक वीरेन्द्र पांडे का कहना है कि स्कूल कालेज खुल चुके हैं, शीघ्र ही छोटे बच्चे भी स्कूल में पढाई करेंगे. त्योहारों के मद्देनजर जिस तरह हर चीज के लिए बाजारों में चहूंओर हर आयु वर्ग द्वारा की जा रही खरीदारी देखी जा रही है बेखौफ होकर. एकत्रित भीड को देखते हुए क्या हमें एक बार ठहरने, सोचने और संभलने की जरुरत नहीं.
विशेषज्ञों का मानना है आज हम अगर सुरक्षित हैं तो कोविड नियमों के अनुपालन और टीकाकरण की वजह से. यदि हम ये कहें कि कोविड अब समाप्त हो चुका है कहना गलत होगा. सप्ताह के 7 दिन बाहर निकलने की अनुमति अर्थात् हमें पहले से ज्यादा सर्तक व सावधान रहने की चेतावनी है. इसलिए मॉस्क, दो गज की दूरी सेनेटाइजर/साबुन पानी के नियमित इस्तेमाल के साथ देश में चल रहे टीकाकरण उत्सव में सबसे पहले भाग लें. स्वयं की भागीदारी के साथ औरों को भी इसके लिए प्रेरित करें और सच मानिए तभी हमारे इन पर्वों का मनाना पूर्ण रुप से सफल और सार्थक होगा.
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बबिता बसाक