महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के बिथ्याणी, यमकेश्वर स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय परिसर में ब्रह्मलीन राष्ट्रसन्त महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में उन्हें शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुजनों को सम्मानित भी किया.
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने पूज्य गुरु महंत अवेद्यनाथ जी की प्रतिमा की स्थापना के लिए उत्तराखण्ड राज्य सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें दोहरी खुशी हुई है. उन्हें महंत अवेद्यनाथ जी की प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला. साथ ही, अपने स्कूल के दिनों के गुरुजनों का दर्शन का अवसर भी प्राप्त हुआ. महंत अवेद्यनाथ जी का जन्म इसी भूमि पर हुआ था लेकिन वर्ष 1940 के बाद उन्हें इस धरती पर वापस आने का अवसर नहीं मिला. वे अक्सर यहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में जिज्ञासा किया करते थे. पूज्य गुरु महंत अवेद्यनाथ जी की प्रेरणा से वर्ष 1996-97 में यहां पर महाविद्यालय की स्थापना हुई. उन्होंने कहा कि अभी तक मानविकी विषय की कक्षाएं संचालित होती थी. उत्तराखण्ड सरकार ने साइंस विषयों की कक्षाएं संचालित करने की घोषणा की है. उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी सत्र से यहां के विद्यार्थियों को विज्ञान विषयों को पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में शिक्षा की अच्छी व्यवस्था है, पठन-पाठन का माहौल है, प्राकृतिक सौन्दर्य, देव मन्दिर जैसी व्यापक सम्भावनाएं है. टूरिज्म से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अपने आप पर भरोसा होना चाहिए. यहां का युवा विश्व में जहां भी जाएगा, अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएगा. प्रधानमंत्री कहते हैं कि उत्तराखण्ड का पानी और उत्तराखण्ड की जवानी बार-बार देश के काम आती है.
मुख्यमंत्री ने पढ़ाई को तन्मयता से करने पर बल देते हुए कहा कि अच्छी शिक्षा से दुनिया आपकी प्रतिभा का लोहा मानेगी. अपने बड़ों की कमियां नहीं, अच्छाइयां देखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दीक्षा उन्हें अपने पूज्य गुरु महंत अवेद्यनाथ से प्राप्त हुई, उनसे व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हुई. सामाजिक जानकारी के लिए उन्हें प्रधानमंत्री का यशस्वी नेतृत्व प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में धारणा थी कि यहाँ विकास नहीं हो सकता. आज उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में विकास कर रहा है. उत्तर प्रदेश आज गुण्डागर्दी और दंगे से मुक्त है. उन्होंने कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, किन्तु आस्था के समक्ष आमजन की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. लोकतंत्र में जनता जनार्दन है. उनकी सेवा हमारा दायित्व है. जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश में जगह-जगह अनावश्यक शोर करने वाले सारे लाउडस्पीकर उतर गए हैं. अब तक एक लाख से अधिक लाउडस्पीकर उतर चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड मिलकर विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की पारस्परिक समस्याओं का समाधान अन्तिम चरण में है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध ढंग से जन भावनाओं के अनुरूप कर लिया जाएगा. इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत, श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखण्ड सरकार में मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री धन सिंह रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.