नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति
महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अत्याचारों को समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे सतत प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय की जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल और काव्योम फ़ाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में लविवि के दूसरे परिसर के विधि संकाय पार्क में एक नुक्कड़ नाटक 'हक़ीक़त' प्रस्तुत किया । जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल का निर्माण गत वर्ष लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार रॉय द्वारा किया गया था। तब से यह सेल लगातार इस दिशा में कार्यरत है।
इस नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति के दौरान प्रो. बी. डी. सिंह, (अधिष्ठाता विधि संकाय एवं विधि संकायाध्यक्ष)
प्रो. आर. के. सिंह (निदेशक द्वितीय परिसर), प्रो विनीता काचर, प्रो. राज कुमार, डॉ. राजीव सिंह राठी, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव,डॉ. आलोक कुमार यादव , डॉ. अभिषेक तिवारी, डॉ मृणालिनी सिंह, डॉ. आनंद सिंह, डॉ चंद्रसेन, डॉ. श्वेता श्रीवास्तव, डॉ. शशि प्रभा जोशी, डॉ. कुलवंत सिंह, जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल की सदस्य डॉ. सोनाली राय चौधरी मौजूद रहे। साथ ही काव्योम फ़ाउण्डेशन के अध्यक्ष कौन्तेय जय और सचिव अनमोल मिश्रा भी मौजूद रहे। नुक्कड़ का समन्वय अनुष्का पाठक ने किया।
यह नुक्कड़ नाटक काव्योम फ़ाउण्डेशन के सदस्यों देवांश तिवारी, अर्पित सिंह, प्रशांत कुशवाहा, मानस बाजपेयी, प्राची, सृष्टि गुप्ता, ऋषिता प्रजापति, फ़ौज़िया अम्बरी, दर्शिका, आर्यन सिंह, रोहित कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए भारी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित हुए।
इस नुक्कड़ के माध्यम से सदियों से चली आ रही रूढ़ियों और कुरीतियों द्वारा समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को प्रस्तुत करते हुए छात्र-छात्राओं को लैंगिक समानता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। प्रस्तुति के बाद कई छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव, विचार और सुझाव प्रस्तुत किए।