राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर में मुख्य न्यायाधिपति ए.जी.मसीह ने अध्यक्ष माननीय न्यायाधिपति एम. एम. श्रीवास्तव राजस्थान न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष की उपस्थिति (जरिए बी सी) में उसकी उपलब्धियां एवं गतिविधियों को समाहित कर, तैयार की गयी पुस्तक "RSSA At Glance का विमोचन तथा 02 जनकल्याणकारी स्कीम विशेष योग्यजनों के हितार्थ उनके पहचान पत्र सुनिश्चित करने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं या कृत्रिम अंग एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने हेतु योजना आवधिक सेवा केन्द्र योजना का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर रजिस्ट्री राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायिक अधिकारीगण कर्मचारीगण भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में सदस्य सचिव प्रमित कुमार माथुर रालसा द्वारा माननीय गण तथा अन्य सभी प्रबुद्धजनों का कार्यक्रम में स्वागत किया गया।
अपने परिचयात्मक उद्बोधन में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् एम. एम. श्रीवास्तव राजस्थान उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि रासा द्वारा एक नवीन पहल के तहत 'RSISA At Glance' पुस्तक का विमोचन, दिव्यांग को यू.डी.आई.डी. सर्टिफिकेट व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु योजना तथा प्रत्येक तालुकात में आदर्श विधिक सेन्द्रीयोजना का शुभारंभ किया जा रहा है। विशेष योग्यजन के चिन्हीकरण की दिशा में प्रारंभ की गयी योजना
प्रत्येक विशेष योग्यजन को दियागता प्रमाण-पत्र डी.आई.डी. प्राप्त हो सकेगा। और यूडीआईडी के अभाव में कोई व्यक्ति राज्य की कल्याणकारी योजनाओं या कृत्रिम अंग प्राप्त करने से नहीं रहेगा। माननीयद्वारा यह भी बताया गया कि द्वारा चिन्हित की गयी आदर्श तालुकाओं में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को न केवल कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् एम. एम. श्रीवास्तव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वार किये गये दोनों नवीन निश्चित रूप से वर्ग के लिए लाभदायक होने माननीय मुख्य न्यायाधिपति ए. जी. मसीह राजस्थान उच्च नायालय मुख्य ने बताया गया कि 'RSISA At Glance' पुस्तक रालसा की सानीय उपलब्धियों और विभिन्न वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की झलक पेश करती है।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति द्वारा भारत की दिव्यांग आबादी के विकास पर जोर देते हुए यह बताया गया कि विशिष्ट योग्यजन की पहचान करने और उनो यू.डी.आई.टी प्रदान करने की योजना निश्चित रूप से एक प्रगतिशील कदम है जिससे विशिष्ट योग्यजनों को समाज को शामिल किया जाकर समान अधिकार अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्य न्यायाति द्वारा लगा की आदर्श विधिक सेवा केन्द्र योजना को आशा की किरण बताते हुए यह कहा गया कि ये केन्द्र को उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति की परवाह किए बगैर विधिक सहायता उपलब्ध कराए जिससे कानूनी परिदृश्य से निपटने के लिए सशक्त हो। सभी को ऐसे ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देते हुए न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए होकर आगे बढ़ने को कहा गया।
कार्यक्रम के अंत में संजय कुमार, निर्देशक चलता द्वारा माननीय न्यायाधिपति तथा सभी प्रबुद्धजनों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।