सुरक्षित जीवित बाहर निकाला
एसडीआर कार्यालय में पुलिस अधीक्षक अजमेर से जरिये ईमेल / दूरभाष से मिली सूचना पर अजमेर थाना गंज अजमेर के विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के भरने वाले मेले के 810 वें उर्स में जायरिनों के आना सागर झील में स्नान के दौरान डूबने / हादसे से बचाव हेतु राहत एवं बचाव कार्य के लिए एक रेस्क्यू टीम की मांग की गई. एसडीआरएफ सेनानायक पंकज चौधरी ( IPS ) के निर्देशानुसार स्नान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था हेतु टीम प्रभारी हनुमानराम के नेतृत्व में आना सागर झील के रामप्रसाद घाट एवं बारादरी घाट पर 21 जवानों की एक रेस्क्यू टीम को दो शिफ्टों में दिन रात तैनात किया गया तथा एसडीआरएफ सेनानायक द्वारा टीम कमाण्डर को उर्स में रेस्क्यू ड्यूटी के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देकर गणपति महावर डिप्टी कमाण्डेन्ट एसडीआरएफ को उर्स के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशनों के निकटम सुपरवीजन हेतु नियुक्त किया गया.
11 फरवरी को प्रातः 10:15 बजे रामप्रसाद घाट आना सागर झील पर मोबाइल फोन से सेल्फी लेते हुए एक महिला सन्तुलन बिगडने से झील में गिर गयी तथा पानी की गहराई अधिक होने से डूबने लगी, तभी घाट पर रेस्क्यू के लिए तैनात एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम के बचावकर्मी ने महिला को डूबते देख त्वरित कार्यवाही करते हुए पानी में गोता लगाकर नेहा माहेश्वरी पुत्री श्री राजेन्द्र माहेश्वरी उम्र 25 वर्ष निवासी रामनगर, अजमेर शहर को जीवित बोट द्वारा बाहर निकाल लिया. महिला हादसे से काफी घबरा गयी तथा कुछ बोल नहीं पा रही थी, जिसे टीम ने प्राथमिक उपचार देकर अविलम्ब प्रशासन की मदद से अस्पताल भिजवाने का प्रबंध किया. महिला कुछ बोल नहीं पा रही थी किन्तु हाथ के इशारे से टीम को बार- बार धन्यवाद दे रही थी. रेस्क्यू टीम के जवानों ने साहसिक कार्य करके एसडीआरएफ के ध्येय " आपदा सेवार्थ कटिबद्धता " को पूर्णरूप से चरितार्थ किया.