कांग्रेस-भाजपा को बागियों का चैलेंज
सिटीजन ब्यूरो : शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए दोनों ही दलों द्वारा टिकटों का आबंटन कर दिया गया है. मगर जो लिस्ट जारी हुई है, उसमें कई प्रबल दावेदारों के नाम कटे हैं. हालांकि दोनों ही पार्टियां सर्वेक्षणों को आधार बताकर टिकट आबंटन करने का हवाला दे रही हैं, मगर दावेदार नहीं मान रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत दोनों ही दलों को शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन व बिलासपुर में पेश आ रही है. ऊना भी इसमें शामिल है. सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मेदारी दी है कि वे समानांतर प्रत्याशियों को बिठाएं. मगर शनिवार से ही दोनों दलों से संबंधित ऐसे समानांतर उम्मीदवारों ने न मानने की रट लगा रखी है. शिमला शहर, शिमला ग्रामीण, चौपाल, रामपुर, रोहड़ू, ठियोग में दिक्कतें जारी हैं. सोलन, अर्की में भाजपा में सबसे ज्यादा परेशानी है. यहां से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतर रहे हैं. नालागढ़ में कांग्रेस को दिक्कतें दिख रही हैं. शहरी सोलन में भी कुछ परेशानियां हैं. बिलासपुर में बिलासपुर सदर, झंडूता व घुमारवीं में भाजपा के सामने बड़ी दिक्कतें हैं. हमीरपुर में भोरंज व नादौनता सीट पर भाजपा में दिक्कतें दिख रही है. ऊना में सबसे ज्यादा परेशानी कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को है. यहीं का टिकट शुक्रवार तक फंसा रहा. कांगड़ा में फिलवक्त कांगड़ा, शाहपुर व नुरपूर में ही बड़ी दिक्कतें सामने दिख रही है. मंडी में मंडी सदर, सुंदरनगर, धर्मपुर में अभी तक टिकट के दावेदार गुस्सा नहीं उगल पाए हैं. सूचना यही है कि इन क्षेत्रों में भले ही बागी सामने न आएं, मगर यहां भितरघात पर यदि अंकुश न लगा तो भाजपा को करारा झटका लग सकता है. जानकारों के मुताबिक 23 अक्तूबर तक यदि वरिष्ठ नेता दोनों ही दलों से बागियों को बिठाने में सफल नहीं रहे, तो चुनौती और बढ़ सकती है. ऐसे ही कई समानांतर उम्मीदवार बाकायदा जनसभाएं करके शक्ति प्रदर्शन में भी जुटे हैं.