काव्योम फ़ाउण्डेशन द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के महात्मा गांधी पार्क में हिन्दी के जाने-माने आलोचक नामवर सिंह की पुण्यतिथि पर एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गार्गी चतुर्वेदी इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहीं। मिथुन कुशवाहा ने संगोष्ठी के प्रथम चरण का संचालन किया।
प्रथम चरण में मुख्य वक्ता गार्गी चतुर्वेदी ने नामवर सिंह के व्यक्तिगत जीवन एवं उनके साहित्य पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही अनमोल मिश्रा, देवांश तिवारी और कौन्तेय जय ने भी नामवर सिंह से जुड़े कई किस्से सुनाए। प्रशांत कुशवाहा ने उनके व्याख्यानों के कुछ अंश पढ़कर सुनाए।
संगोष्ठी के दूसरे चरण (ओपन माइक) का संचालन राकेश महदिउरी ने किया। इस चरण में सत्यदेव सिंह, दिव्यांश मिश्रा, अभिषेक प्रजापति, शिवम् श्रीवास्तव, प्रखर मिश्रा 'प्रांशू' ने अपने मुक्तक और गीत गाये। प्रमुदित पांडेय ने अपना गीत 'कान्हा क्यों गम्भीर हुआ है' सुनाया।
कैफ़ ग़ाज़ीपुरी, देवांश तिवारी और राकेश महदिउरी ने अपनी ग़ज़लों से महफ़िल लूट ली। अनमोल मिश्रा ने अपना गीत 'हम हैं अभिशप्त अभागे' गाया। कौन्तेय जय ने अनुज लुगुन की लिखी हुई कविताएं सुनाई। ऋषिता प्रजापति ने कौन्तेय जय द्वारा लिखा गया गाना गाया, जो कि काव्योम द्वारा आईआईआईटी ऊना में प्रस्तुत नाट्य प्रस्तुति का हिस्सा था। संगोष्ठी में भारी संख्या में लोग जुड़े और कई नए सदस्य भी जुड़े।
संगोष्ठी के आख़िर में, काव्योम फ़ाउण्डेशन द्वारा आयोजित भारतवाणी 3.0 की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप मेडल, बुकमार्क और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विजेताओं को धनराशि पुरस्कार पहले ही प्रदान किए जा चुके थे। इस दौरान काव्योम फ़ाउण्डेशन के अध्यक्ष कौन्तेय जय, सचिव अनमोल मिश्रा, सह सचिव देवांश तिवारी, कार्यक्रम प्रमुख ऋषिता प्रजापति एवं अन्य प्रतियोगिता समन्वयक भी उपस्थित रहे।