श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि उद्यमी साहसी होते हैं। हमेशा समाज भलाई का काम करते हैं और दूसरों को रोजगार देते हैं।
वह बुधवार को कृषि संकाय के ओदांतपुरी भवन में विश्व उद्यमिता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सेमिनार में मुख्यातिथि के रूप में बोल रही थी। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि उद्यमिता आर्थिक अवसरों में वृद्धि के लिए आवश्यक है।
ऐसे सेमिनार के आयोजनों से विचार का बीज रोपित होता है और उसे क्रियान्वित करने के तौर तरीके पता चलते हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमिता का काम रोजगार देना ही नहीं, बल्कि विचार को बड़ा स्वरूप देने का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना भी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि उद्यमिता भारत के डीएनए में है। पहले जमाने में लोग नौकरी की बजाय उद्यमिता और व्यापार को ही प्राथमिकता देते थे। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने एंटरप्रेन्योर सेल भी बनाया है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपनी कंपनियां बनाएं और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ें।
कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे ने विद्यार्थियों को कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ड्रोन कृषि में उभरता क्षेत्र है। विद्यार्थी इस दिशा में उद्यमिता का विचार विकसित करें।
एरोड्रोन रोबोटिक्स की ओर से कैप्टन सुनील डोगरा ने विद्यार्थियों को ड्रोन के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ड्रोन से कृषि क्षेत्र में बड़ी क्रांति आ रही है। इससे किसानों को फायदा होगा और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकेगा। उन्होंने ड्रोन पर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। एरोड्रोन की ओर से आए सतदेव यादव ने भी कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता और विद्यार्थियों के लिए इस क्षेत्र में संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. तेजेंद्र सिंह, डॉ. विकास राठी, डॉ. स्मिता, डॉ. गीता, हेमंत, नीलम अत्रि, सतवीर सेहरावत व काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक