काली पूजा और अन्नकूट पर्व
विगत 31 अक्टूबर को देश के हर प्रांत में दीपोत्सव मनाया गया, तो दूसरी ओर बंगाली समुदाय द्वारा इसी दिन काली पूजा पर्व मनाया गया।
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष और अमावस्या की रात्रि में इस दिन मां काली की विधि विधान से पूजन की जाती है।
सभी काली मंदिर और कई स्थानों पर मां काली की प्रतिमा स्थापित करके विधि विधान से पूजा की गई, जिनमें घसियारी मण्डी बड़ी काली बाड़ी, मॉडल हाउस मातृ कृपा काली बाड़ी, रिसालदार पार्क, आनंद नगर, कृष्णा नगर, आशियाना, सिंधी स्कूल आलमबाग पूजा पंडालों में मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई, पूजा पंडालों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और भक्ति भाव से मां की आराधना कर मां का भोग प्रसाद ग्रहण किया।
राजधानी के कैसरबाग स्थित घसियारी मण्डी बड़ी काली बाड़ी में शाम 7 बजे से पूजा शुभारंभ हुआ, पूजा अर्चना पुष्पांजलि,आरती, हवन, बलि (गन्ना, केला,नारियल, खीरा, मीठा कद्दू) और भोग निवेदन के बाद भक्तों ने मां का भोग प्रसाद ग्रहण किया।
1 नवम्बर को सायं 5.09 तक अमावस्या तिथि होने के कारण 2 नवम्बर को अन्नकूट महोत्सव मनाया गया।
आज के पावन पर्व पर प्रत्येक कृष्ण मंदिर में गोवर्धन पूजा परम्परागत रूप से मनाया गया। मथुरा वासी मंजू देवी ने बताया कि सुबह घर की साफ सफाई के बाद पूजा स्थल पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, भगवान श्री कृष्ण, ग्वालबाल, गाय और बैल आदि बनाया गया तत्पश्चात् सपरिवार हमने विधि विधान से गोवर्धन पूजा अर्चना की गई। भगवान गोवर्धन को पूड़ी, खीर आदि का भोग निवेदन किया गया।
आज ही राजधानी के बड़ी काली बाड़ी में नियमित पूजा के बाद 56 से अधिक व्यंजनों अर्थात् अन्नकूट सजाया गया इस दौरान प्रातः 10 से मंदिर के कपाट बंद कर दिये गए, मंदिर खोला गया दोपहर 3 बजे ताकि भक्त अन्नकूट दर्शन कर सके।
शाम 7 बजे से अन्नकूट प्रसाद वितरण प्रारम्भ हुआ, देर रात्रि तक भक्तों ने मां का प्रसाद प्राप्त किया।
बबिता बसाक, लखनऊ।