कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वप्रथम पर्यावरण के विभिन्न तत्वों को जानना महत्वपूर्ण है। वह बुधवार को कुवि के इंस्ट्टियूट ऑफ इंटीग्रेटिड एंड आनर्स स्टडीज(आईआईएचएस) के इको एंड नेचर क्लब के तत्वावधान में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के सौजन्य से भारत में वन्य जीवन के संदर्भ में पर्यावरण संरक्षण का इतिहास विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे।
डॉ. दीपक राय बब्बर ने कहा कि भारत में पाई जाने वाली जैव विविधता के संरक्षण में एक बड़ा इतिहास है। भारत में पाई जाने वाली विविधता का 7-8 प्रतिशत है।
उन्होंने हरियाणा में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए आरक्षित क्षेत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आह्वान किया कि ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण व जनसंख्या नियंत्रण से हम वन्य व जैव विविधता को सरंक्षित कर सकते हैं। जैव विविधता का संरक्षण हमें स्थानीय स्तर से शुरू करना चाहिए। आईआईएचएस की प्राचार्या प्रो. रीटा ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय के स्तर से छोटी-छोटी गतिविधियों द्वारा अपने पर्यावरण को सुरक्षित करने में अहम् योगदान दे सकते हैं।
क्लब के संयोजक प्रो. परमेश कुमार ने इको नेचर क्लब के अंतर्गत होने वाली गतिविधियों के माध्यम से आम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
क्लब की संयोजिका डॉ. सरिता राणा ने विद्यार्थियों को इको एवं नेचर क्लब की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रिया ने मंच का संचालन किया व साहिल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस मौके पर प्रो. अश्विनी मित्तल, प्रो. अमृत, डॉ. कुलविन्द्र कौर, डॉ. कविता, डॉ. रितु सैनी, डॉ. ज्योति चौहान, डॉ. नितांत, डॉ. शिवानी आदि मौजूद रहे।
- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।