महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद इस अभूतपूर्व पहल से लाभान्वित होने वाला यह सातवां राज्य है। एनसीआईपी में भूमि रिकॉर्ड का एकीकरण विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
यह अहम पहल फसल बीमा प्रक्रियाओं की सटीकता और दक्षता को बढ़ाने में मदद करती है। इससे उत्तर प्रदेश में किसानों को ज्यादा मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा मिलता है।
एनसीआईपी के साथ भूमि रिकॉर्ड एकीकरण की मुख्य विशेषताएं :
1. भूमि-संबंधित डेटा तक निर्बाध पहुंच : PMFBY के तहत फसल बीमा कवरेज के सटीक मूल्यांकन के लिए किसान और बीमा प्रदाता अब भूमि से जुड़ी अहम जानकारी तक बिना किसी रुकावट के पहुंच सकते हैं।
2. निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती : एकीकरण के जरिए भूमि से जुड़े अहम कारकों की सही जानकारी मिल जाती है। इसके जरिए ही भूमि से संबंधित सटीक फैसले लेने की सुविधा मिलती है।
3. आवेदनों का समय पर निपटान : भूमि रिकॉर्ड तक सीधी पहुंच फसल बीमा आवेदनों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करती है। इससे किसानों को समय पर वित्तीय सहायता सुनिश्चित होती है।
4. जोखिम का समग्र विश्लेषण : एकीकृत प्रणाली के जरिए भूमि से जुड़े कारकों का समग्र विश्लेषण किया जा सकता है। इससे कृषि से जुड़ी व्यापक समझ और बेहतर होती है।
उत्तर प्रदेश में एनसीआईपी में भूमि रिकॉर्ड का सफल एकीकरण अहम प्रगति का प्रतीक है। यह ज्यादा लचीले और प्रोद्योगिकी संचालित कृषि क्षेत्र को बेहतर तरीके से दर्शाता है। यह उपलब्धि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार के समर्पण को दिखाती है।