भूपेन्द्र अस्थाना की कलाकृति
गत 12 सितंबर राजधानी के युवा कलाकार व कला लेखक भूपेंद्र कुमार अस्थाना की कला कृति एक बार फिर साउथ कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गयी है।
वर्तमान में यह प्रदर्शनी (नेचर आर्ट क्यूब प्रदर्शनी) उलजिन में स्थित येओन्हो संस्कृति केंद्र साउथ कोरिया में 'मूविंग नेचर आर्ट' के रूप में चल रही है।भूपेन्द्र ने यह कृति अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी ज्यूमगंग क्यूब नेचर आर्ट बिनाले - २०२२ में भेजकर प्रतिभाग किया था।
पेपर मेसी में बनी इस कलाकृति को बेहद पसंद किया गया।
इस कारण से अब तक इस कलाकृति की तीसरी बार चयनित कर प्रदर्शित किया गया है । इसी कलाकृति को पिछले Geumgang Nature Art Biennale और अब 2023 Prebiennale कलाकृतियों के बीच चुना गया है। यह प्रदर्शनी 31 अगस्त से 27 सितंबर 2023 तक रहेगी,
भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कृति कागज़ की लुग्दी से बनी पेपर मैसी वर्क है, जो आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर के रूप में आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर है जो 11x11x11 सेंटीमीटर के डायमेंशन में है।
इसके पीछे जो विचार है उसे साझा करते हुए अस्थाना ने बताया कि प्रकृति में सबसे बुद्धिमान और सबसे महत्वपूर्ण इंसान है। और इंसान ने अपने जीवन यापन के लिए अनेक सुविधाओं को लेकर बहुत संवेदनशील रहता है।
लेकिन दुर्भाग्य है कि स्वयं इंसान और इंसान के द्वारा जिस भी चीज का निर्माण करता है वह स्थायी नहीं है एक दिन यह सुंदर वास्तु रचना खंडहर में तब्दील हो जाता है लेकिन इस रचना का खंडहर भी एक कलात्मक रूप धारण किये हुए रहता है अपने समयानुसार। इस कलाकृति में माध्यम पेपर मैसी का प्रयोग एक कलात्मक रूप के साथ प्रकृति को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है।