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प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भेजी गई : ज्ञापन की रसीद

ज्ञापन की रसीद
ज्ञापन की रसीद
सेवा में,
 
श्री नरेंद्र मोदी जी 
प्रधानमंत्री-भारत सरकार 
नई दिल्ली 
 
विषय- सरकारी धन गबन और घोटाले के आरोपी पूर्व डीएलसी प्रयागराज द्वारा किए गए मजदूर विरोधी कार्यों को निरस्त करने के संबंध में
 
 
महोदय, 
सादर अवगत कराना है कि प्रयागराज जनपद में तैनात रहे गबन और घोटाले के आरोपी पूर्व डीएलसी श्री राकेश द्विवेदी ने श्रमिक बस्ती नैनी के मजदूरों को उजाड़ कर अर्धसैनिक बल पीएसी कैंप बसाए जाने के संबंध में अनुचित एवं मनमानी निर्णय लिए।
 
मजदूरों को उजाड़ कर पीएसी को बसाए जाने की साजिश रचने वाले पूर्व उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी द्वारा गबन घोटाले पर पर्दा डालने के लिए शासन को गुमराह किया गया ।
 
इस बारे में जिलाधिकारी एवं उप श्रम आयुक्त, प्रयागराज जोन, प्रयागराज को 17 अगस्त 2023 को लिखित रूप से पत्र देकर प्रकरण से अवगत भी कराया गया। 
 
पूर्व डीएलसी श्री राकेश द्विवेदी ने राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज के रखरखाव के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपए सरकारी धन का गबन किया है।
 
केंद्र में करोड़ों रुपए के कीमती फर्नीचर, पुस्तकें,अस्पताल का सामान, सिलाई कढ़ाई की मशीन, खेलकूद का सामान, व्यायामशाला का सामान समेत करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति बेचने के बाद इस घोटाले को छिपाने के लिए राजकीय श्रम हितकारी केंद्र की भूमि एवं भवन तथा बस्ती के अन्य पार्क, बच्चों के खेल ग्राउंड का स्थान, रामलीला मैदान, नगर निगम प्राइमरी स्कूल का मैदान आदि को 42 वीं वाहिनी पीएसी को वैधानिक रूप से दे दिया गया है। 
 
पूर्व डीएलसी श्री राकेश द्विवेदी के कार्यकाल में पीएसी ने जिन स्थानों पर अवैधानिक कब्जा किया है उन सभी कब्जों को रोका जाए और पूर्व डीएलसीके जनविरोधी निर्णय को रद्द किया जाए। केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा आजादी के बाद 1955 में यह सब स्थल मजदूर एवं उनके बच्चों के लिए बनाए गए हैं ।  यहां के मजदूर, आम निवासी एवं बच्चे पिछले 50 वर्षों से उपयोग करते चले आए हैं। 
 
गबन एवं घोटाले को छुपाने के लिए मजदूरों के आश्रय स्थल पीएसी को दिए जाने के विरोध में श्रमिक बस्ती समिति, नैनी, प्रयागराज द्वारा भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज के निवासीगण उत्तर प्रदेश औद्योगिक श्रमिक बस्ती नैनी प्रयागराज के आवासों में पिछले 60 वर्षों से रह रहे हैं।
 
अवगत कराना है कि भारत सरकार निर्माण एवं आवास मंत्रालय, नई दिल्ली ने सभी राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्रों के आवास किराए के सचिवों को दिनांक 9 फरवरी 1978 को पत्र भेजकर औद्योगिक कर्मचारियों और समाज के आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों के लिए स्वीकृत सहायता प्राप्त आवास योजना के अंतर्गत औद्योगिक कर्मचारियों के लिए बनाए गए मकानों की बिक्री का आदेश दिया गया था। 
 
इस आदेश के अनुपालन में देश के अन्य राज्यों ने केंद्र सरकार की आज्ञा का पालन करते हुए उसमें रहने वाले श्रमिकों को उनके आवासों का मालिकाना हक दे दिया गया। लेकिन उत्तर प्रदेश में यह समस्या अभी भी लंबित है। 
इस समस्या से सबसे अधिक श्रमिक बस्ती नैनी, प्रयागराज के निवासी परेशान है । 
 
अवगत कराना है कि प्रयागराज में तैनात रहे पूर्व श्रम आयुक्त श्री राकेश द्विवेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज स्थित राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, नैनी के रखरखाव के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपए धन का गबन कर लिया । इस केंद्र में जो उपयोगी सामान और वस्तुएं थीं। उन्हें बेच कर भारी घोटाला किया।
 
गबन और घोटाले पर पर्दा डालने के लिए राकेश द्विवेदी ने राजकीय श्रम अधिकारी केंद्र के साथ ही बस्ती के अन्य भूभाग को भी पीएसी को दे दिया। ताकि राकेश द्विवेदी के द्वारा किए गए घोटाले छिप जाएं और इस घोटाले को छिपाने में 42 वी वाहिनी पीएसी के लोग पूर्व भ्रष्ट डीएलसी की मदद कर रहे हैं।
 
करोड़ों रुपयों के घोटाले के आरोपी पूर्व डीएलसी श्री राकेश द्विवेदी को बचाने के लिए पीएसी वालों ने अब इस केंद्र पर कब्जा कर लिया है । केंद्र परिसर में पूरी पीएसी वाहिनी का कूड़ा लाकर फेंक दिया जाता है । इस कूड़े में पीएसी वाले रात में आग लगा देते हैं। कूड़े से उठने वाले धुएं के कारण श्रमिक बस्ती में रहने वाले लोगों के घरों में धुआं भर जाता है। 
42 वीं वाहिनी पीएसी प्रशासन नैनी के अमानवीय कृत्यों से श्रमिक बस्ती के निवासियों का खुली हवा में सांस लेना दुश्वार हो गया है। 
 
बस्ती की शुद्ध हवा में भारी प्रदूषण फैल रहा है । घुटन और बेचैनी के कारण लोग घरों में नहीं रह पाते हैं । इस वजह से श्वास रोग और अन्य कई तरह की बीमारियां फैल रही है। नैनी क्षेत्र के मजदूरों, आम जनता एवं उनके बच्चों की सार्वजनिक सुविधा के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से राजकीय श्रम हितकारी केंद्र की नैनी, प्रयागराज में सन 1950 में स्थापना की गई थी। 
 
पूरे नैनी क्षेत्र की आम जनता, मजदूर एवं उनके परिजनों के लोग यहां सार्वजनिक समारोह का आयोजन करते चले आए हैं। शादी विवाह के कार्यक्रम होते हैं । बच्चों का पार्क एवं झूले लगे थे । अब यहां मजदूरों को उजाड़ कर पीएसी को बसाया जा रहा है। 
जिस केंद्र परिसर का लोग 60 वर्ष से निर्बाध उपयोग करते थे। अब पीएसी वालों ने वहां पर कब्जा कर लिया है । 
 
इस केंद्र में आम जनता के लिए पुस्तकालय, वाचनालय, अस्पताल, सिलाई कढ़ाई केंद्र, व्यामशाला, बच्चों के झूले,विभिन्न खेलकूद सामग्रियां हमेशा उपलब्ध रहती थी । ग्रह निरीक्षक कार्यालय इस केंद्र में चलता था। 
 
इस केंद्र के रखरखाव के लिए पूर्व उप श्रम आयुक्त प्रयागराज राकेश द्विवेदी के कार्यकाल में जो करोड़ों रुपए सरकारी धन सरकार ने दिया। वह पूरा पैसा राकेश द्विवेदी हजम कर गए। केंद्र के रखरखाव पर एक रु भी खर्च नहीं किया गया। 
 
इस केंद्र में सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सामान, पुस्तकालय की पुस्तकें, अस्पताल के बेड, सिलाई कढ़ाई केंद्र की मशीनें, व्यामशाला के उपकरण, बच्चों के झूले, जिमनास्टिक का सामान, कीमती फर्नीचर करोड़ों रुपए के बहुमूल्य सरकारी सामान को पूर्व श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी ने बेच खाया । गरीब मजदूरों के विवाह और उनके आर्थिक सहायता की धनराशि में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी राकेश द्विवेदी का भ्रष्टाचार के मामले में बहुत ही खराब प्रदर्शन है।
 
इस भ्रष्टाचारी डीएलसी ने श्रम हितकारी केंद्र में गरीब छात्राओं, लड़कियों के लिए सरकार द्वारा दी गई सिलाई मशीन को भी बेच खाया।  करोड़ों रुपए के सरकारी घोटाले के आरोपी पूर्व उप श्रम आयुक्त श्री राकेश द्विवेदी के भ्रष्टाचार के चलते श्रमिक बस्ती, नैनी की जनता भारी मुसीबतों का सामना कर रही है।
 
 भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी ने अपने घोटालों को छुपाने के लिए श्रमिकों के हितों की बालि दे दी और राजकीय श्रम अधिकारी केंद्र पीएसी को दे दिया । ताकि राकेश द्विवेदी के द्वारा इस केंद्र में किए गए गबन, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर पर्दा डाला जा सके। 
पूर्व उप श्रम आयुक्त श्री राकेश द्विवेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान नैनी श्रमिक बस्ती में भी भारी घोटाला किया । करोड़ों रुपए का गबन कर डाला । इनके कार्यकाल में हुआ यह नया घोटाला है।  जिसकी अभी तक जांच शुरू नहीं हुई है। 
 
पूर्व उप श्रम आयुक्त श्री राकेश द्विवेदी के भ्रष्टाचारपरक मजदूर विरोधी कारनामों के चलते नैनी, श्रमिक बस्ती घनी आबादी के बीच में अर्धसैनिक बल पीएसी के रहने से आए दिन आम जनता और पीएसी के बीच टकराव होता रहता है । स्थानीय विधायक और सांसद, प्रयागराज के सभी राजनेता भी श्रमिक बस्ती नैनी से पीएसी को हटाने की मांग कर चुके हैं । 
घनी नागरिक आबादी के बीच रह रहे पीएसी के कुछ अधिकारियों की हैवानियत इतना बढ़ गई है कि वे आए दिन यहां के लोगों को मारते पीटते रहते हैं ।  मासूम बच्चों को पीट-पीटकर लहूलुहान कर देते हैं। 
 
पिछले दिनों यहां के एक सूबेदार मेजर ने एक गरीब मजदूर के 11 वर्षीय बच्चे को इतना पीटा कि उसके कान का पर्दा फट गया । लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा और तड़पने लगा । लोग घायल बच्चे को लेकर नैनी थाने में गए। लेकिन थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। जिससे जनता में भारी रोष व्याप्त है । 
 
सादर अवगत कराना है कि 1971 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी ने पीएसी को यहां से हटाकर अन्यत्र स्थापित करने का आदेश भी दिया था । लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस पर अमल नहीं किया । 
 
पीएसी प्रशासन के द्वारा क्षेत्र में फैलाई जा रही अराजकता के खिलाफ कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने से इनकी मनमानी बढ़ती जा रही है।पीएसी  प्रशासन के लोग आए दिन आवागमन के रास्तों को भी बंद कर देते हैं । 
 
पिछले कई वर्षों से स्थानीय निवासी पीएसी को यहां से हटकर किसी सुदूर निर्जन स्थान पर स्थानांतरित किए जाने की मांग करते है । जहां अत्यधिक जगह हो और पीएसी को वहां अपना सुचारू रूप से काम करने में कोई दिक्कत न हो। यही नहीं पीएसी वालों ने सार्वजनिक रामलीला मैदान, नगर महापालिका जूनियर हाई स्कूल बच्चों के खेलने के मैदान सहित सभी बच्चों के खेल ग्राउंड पर कब्जा कर लिया है । 
 
नैनी में बच्चों के खेलने के लिए जो मैदान थे। उन पर पीएसी के द्वारा कब्जा कर लिए जाने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है । श्रमिक बस्ती नैनी के निवासी यह अनुरोध करते हैं कि पीएसी को श्रमिक बस्ती से हटाकर अन्यत्र स्थान पर बसाया जाए। 
इस कॉलोनी का निर्माण मजदूरों के लिए किया गया था। पीएसी के लिए नहीं किया गया था । 
 
42 वीं वाहिनी पीएसी वाले यहां अवैध रूप से रह रहे हैं और इनकी हरकतों से क्षेत्र का सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है।  खाकी वर्दीधारी पीएसी के निरंकुश जवानों और आम जनता के बीच आए दिन संघर्ष होता रहता है । जिससे क्षेत्र की शांति व्यवस्था प्रभावित हो रही है। 
 
(इस संबंध में समय-समय पर प्रधानमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजे गए प्रार्थना पत्र, विभिन्न समाचार पत्रों में इससे संबंधित प्रकाशित समाचारों की कटिंग तथा अन्य सरकारी अभिलेख संलग्न है।)
 
                       प्रार्थना
 
1- श्रमिक बस्ती, नैनी, प्रयागराज के आवासों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का केंद्र सरकार की राजाज्ञा के निर्देशानुसार मालिकाना अधिकार दिया जाए ।
 
2- करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी पूर्व श्रम आयुक्त प्रयागराज श्री राकेश द्विवेदी द्वारा राजकीय श्रम हितकारी केंद्र, श्रमिक बस्ती, नैनी के रखरखाव हेतु सरकार द्वारा दिए गए धन का गबन करने एवं केंद्र का सामान बेच कर किए गए घोटाले का पर्दाफाश हो तथा पूर्व उप श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी के खिलाफ जांच करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए। इनके कार्यकाल में हुए सभी निर्णयों को निरस्त किया जाए।राजकीय श्रम अधिकारी केंद्र को तत्काल पीएसी के कब्जे से मुक्त कराया जाए।
 
3- राजकीय श्रम हितकारी केंद्र पर पीएसी के द्वारा किए जा रहे कब्जे को रोका जाए ।  42 वीं वाहिनी पीएसी को श्रमिक बस्ती नैनी से हटाकर अन्यत्र स्थापित किया जाए ताकि नैनी क्षेत्र में शांति बनी रहे।
 
आशा है श्रीमान जी कार्यवाही करने की कृपा करेंगे।
 
प्रतिलिपि:- 1- माननीय केंद्रीय मंत्री/ सचिव, निर्माण एवं आवास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली 
 
2- माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ 
 
3- माननीय प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ 
 
4- माननीय प्रमुख सचिव- श्रम, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ 
 
5- माननीय श्रम आयुक्त, कानपुर उत्तर प्रदेश, कानपुर 
 
6- माननीय मंडल आयुक्त, प्रयागराज 7- माननीय जिलाधिकारी प्रयागराज 9- माननीय उप श्रम आयुक्त, प्रयागराज परिक्षेत्र, प्रयागराज
 
10-यूपी जिला मजिस्ट्रेट, तहसील करछना, प्रयागराज
 
भवदीय
 
विनय मिश्र, पत्रकार 
सचिव- श्रमिक बस्ती समिति,
नैनी, प्रयागराज-211008
मो.न. 7355558233

Published: 01-09-2023

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