मुलाकात के दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विशाल अप्रयुक्त जलविद्युत क्षमता के दोहन के लिए मेगा जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया है।
विश्नोई ने बताया कि भारत सरकार ने 2070 तक निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन मानदंड प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मिशन में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है क्योंकि इस केंद्र शासित प्रदेश की कुल जलविद्युत क्षमता लगभग 20 गीगावाट है ।
विश्नोई ने उपराज्यपाल को उनके समग्र मार्गदर्शन और समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा उन्होंने टीएचडीसीआईएल और एनएचपीसी द्वारा जम्मू-कश्मीर में नई जलविद्युत परियोजनाओं के दोहन की दिशा में त्वरित कार्रवाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।