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लखनऊ विश्वविद्यालय : हिंदी दिवस कवि सम्मेलन

विभिन्न कार्यक्रमों की तीन दिवसीय श्रृंखला के अंतर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भाषा विभाग तथा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व काव्योम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन की मुख्य अतिथि कुलपति डा. मनुका खन्ना एवं विशिष्ट अतिथि गिरीश चंद्र मिश्र समकक्ष राज्यमंत्री व विभागाध्यक्ष डा. पवन अग्रवाल तथा अध्यक्षता कर रहे कमलेश मौर्य मृदु ने मां शारदे के चित्र के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

हिंदी दिवस कवि सम्मेलन
हिंदी दिवस कवि सम्मेलन

बिसवां -सीतापुर/जनपद के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु की अध्यक्षता में संपन्न हुआ लखनऊ विश्वविद्यालय का हिंदी दिवस कवि सम्मेलन। हिंदी दिवस के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रमों की तीन दिवसीय श्रृंखला के अंतर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भाषा विभाग तथा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व काव्योम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन की मुख्य अतिथि कुलपति डा. मनुका खन्ना एवं विशिष्ट अतिथि गिरीश चंद्र मिश्र समकक्ष राज्यमंत्री व विभागाध्यक्ष डा. पवन अग्रवाल तथा अध्यक्षता कर रहे कमलेश मौर्य मृदु ने मां शारदे के चित्र के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संयोजक अशोक अग्निपथी ने हिंदी वंदना प्रस्तुत की व कवि सम्मेलन का सफल संचालन किया। प्रारंभिक संचालन राघवेंद्र मिश्र प्रणय ने किया। अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए कमलेश मौर्य मृदु ने आशु कविताओं की झड़ी लगा दी जिसे पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा। हिंदी की गरिमा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा

विश्व में भाषा बनी जितनी सबमें 'मृदु' हिंदी है दक्ष हमारी।
जो लिखते हैं वही पढ़ते वही बोलते हिंदी है स्वच्छ हमारी।
कश्मीर हो कन्याकुमारी हो या कि कामाख्या से लेकर कच्छ की खाड़ी।
राष्ट्र है हिन्दू ये हिंदुस्थान है हिंदी बने बटवृक्ष हमारी।।

उन्होंने इसी क्रम में भारत की एकता और अखंडता को समर्पित छंद पढ़ा जो बहुत सराहा गया,

मात्र भूमि नहीं पूज्य मातृभूमि है हमारी जिस दिन भाव में प्रचंड बन जायेगा।
जाति वर्ग संप्रदाय के तिमिरि को मिटाकर मातृभक्तिभाव मार्तण्ड बन जायेगा।
जिस दिन राष्ट्रीयता की पहचान हेतु वंदेमातरम् मानदंड बन जायेगा।
मां की जयकार की हुंकार द्वार द्वार होगी,उसी दिन भारत अखंड बन जायेगा।।

इसके अतिरिक्त हास्य कवि विकास बौखल, नीरज पांडे, श्रीमती शशी श्रेया, हेमन्त पांडे शानदार जानदार काव्यपाठ कर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान कीं। डा. पवन अग्रवाल ने उपस्थित जनों का स्वागत किया तथा डा. योगेन्द्र प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया। नगर के तमाम कवियों साहित्यकारों, अधिवक्ताओं जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों ने लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हेतु साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु को बधाइयां दीं।


Published: 16-09-2025

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