वेबिनार के मुख्य अतिथि डां. कपिलदेव मिश्र कुलपति, रा.दु.वि.वि. , मुख्य संरक्षक डां. संतोष जाटव अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग जबलपुर संभाग एवं मुख्य संरक्षक श्री योगेन्द्र सिंह ठाकुर, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति उपस्थित थे। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. प्रियरंजन त्रिवेदी संस्थापक कुलाधिपति, आई.जी.टी. एवं एम.एस. विश्वविद्यालय, अरूणाचल प्रदेश, ने अपने विचार ‘‘मूल्य परक शिक्षा की आवश्यकता‘‘ पर केन्द्रित करते हुए मूल्यों एवं कौशल के मध्य विभिन्न उदाहरणों से सहसंबंध स्थापित करते हुए मानव विकास की प्रकिया को रेखांकित किया।
आपने पर्यावरण पारिस्थितकीय के परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा एवं मानव व्यवहार में मानवीय मूल्यों की पुर्नस्थापना करने के व्यवहारिक सुझाव प्रदान किए।
प्रो. सुरेन्द्र पाठक, प्राध्यापक, गांधीयन पीस शोध केन्द्र, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद ने अपने विचार ‘‘प्राचीन शिक्षा पद्धति के मूल्य एवं वर्तमान परिदृश्य में उसकी प्रासंगिकता‘‘ विषय पर केन्द्रित करते हुए ज्ञान, विवेक, विज्ञान, और न्याय, धर्म, सत्य एव सह अस्तित्व के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किया उन्होंने वेदों में ज्ञान, विज्ञान और विवेक की परंपराओं का उल्लेख करते हुए यह कहा कि भारत में सनातन काल से अनवरत रूप से ज्ञान, विवेक, विज्ञान की धाराएं प्रवाहमान रही हैं।
आधुनिक शिक्षा में भी ब्लूम ने ज्ञान का वर्गीकरण इन्हीं तीन आधारों पर किया है और इसमें अंतर निहित मूल्य परंपरा को ध्यान में रखते हुए सनातन और आधुनिक शिक्षा के समन्वय को पहचानने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिससे मूल्य की अवधारणा के एकत्व को स्थापित किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी ज्ञान, विवेक और विज्ञान शिक्षा का प्रावधान किया गया है उन्होंने उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुए मानव चेतना एवं सह अस्तितव में निहित मानवीय मूल्यों को चिन्हित किया। इसके साथ ही आपने मानव मूल्य आधारित शिक्षा के विभिन्न उपान्गों की विस्तिृत व्याख्या की।
डां. विनोद कुमार गुप्ता ‘‘कोआर्डिनेटर‘‘ स्कूल आफ रबर, प्लास्टिक, पालिमर विज्ञान और प्रौद्योगिकी फैकल्टी आफ साइंसस्कोप ग्लोबल स्किल्स यनिवर्सिटी, भोपाल ने अपने व्याख्यान में वैज्ञानिक चेतना एवं व्यवहार में मूल्य आधारित शिक्षा को वर्तमान संदर्भो में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से मूल्य एवं शिक्षा के बीच पारस्परिक निर्भरता को विश्लेषित किया।
वेबिनार की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डां. संध्या चौबे ने की। तथा अपने व्यक्तव्य में शैक्षणिक प्रबुद्धता तथा प्रशासनिक क्षमता में मानवीय मूल्यों को रेखांकित करते हुए मूल्य आधारित शिक्षा की वृह्त आवश्यकता को चिन्हित किया।
वेबिनार के समन्वयक डां. ब्रह्मा नंद त्रिपाठी, सह संयोजक डां. मनोज प्रियदर्शन, सचिव डां. कविता चतुर्वेदी, सह सचिव डां. सुनीता सोनी एवं अन्य सभी प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डां. कविता चतुर्वेदी तथा डां. सुनीता सोनी ने किया। उक्त वेबिनार में यूट्यूब एवं गूगल मीट के माध्यम से 240 सदस्यो ने सहभागिता ली।