परिचर्चा में दूसरे दिन बुधवार को सर्वप्रथम विभागाध्यक्षा प्रोफेसर कृष्णा देवी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में संस्कृत पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया।
स्नातक समिति की सदस्या डॉ. सुमन राजन ने महाविद्यालय में संस्कृत पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। परिचर्चा में विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यापीठों, गुरुकुलों से से आए हुए शिक्षकों ने अपने अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर आईआईएचएस के डॉ. रामचंद्र, राजकीय महाविद्यालय पंचकूला के डॉ. जितेन्द्र, गवर्नमेंट कॉलेज मुलाना के डॉ. सीके झा, राजकीय महाविद्यालय इसराना के डॉ. राजपाल कौशिक, सनातन धर्म महाविद्यालय के डॉ. आशुतोष, डॉ. विदुषा, डॉ. विश्वंभर, डॉ. अनीता नैन, डॉ. कविता, डॉ. कमलेश, डॉ. प्रवीण, डॉ. विनय सिंगल तथा विभाग की सह आचार्य डॉ. विजय श्री, डॉ. तेलू राम, डॉ. कृष्ण आर्य, डॉ. विनोद कुमार शर्मा तथा शोधार्थी एवं छात्र मौजूद रहे।