Media4Citizen Logo
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल
www.media4citizen.com

प्रेमचंद ने कहा था : साम्यवाद, पूंजीवाद से अधिक भयानक है

कालजयी लेखक प्रेमचंद की जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर हिंदी संस्थान लखनऊ के प्रेमचंद सभागार में कथारंग लखनऊ ने मल्हार कार्यक्रम प्रस्तुत किया.

साम्यवाद, पूंजीवाद से अधिक भयानक है
साम्यवाद, पूंजीवाद से अधिक भयानक है

प्रेमचन्द का कोई वाद नहीं था, वे स्वतंत्र विचारों के धनी थे. प्रगतिशील विचारधारा के बारे में उन्होंने 1928 में कहा था-साम्यवाद, पूंजीवाद से अधिक भयानक है. कालजयी रचनाकार प्रेमचंद के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर ये विचार व्यक्त करते हुए देश के प्रख्यात पत्रकार के विक्रम राव ने कहा कि उज्ज्वला योजना जो मोदी ने प्रारंभ की वह प्रेमचंद की कहानी ईदगाह से प्रेरित है.

श्री राव राजधानी के हिंदी भवन के प्रेमचंद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे.  हिंदी साहित्य को अपने लेखन से एक नयी दिशा देने वाले साहित्यकार प्रेमचंद की जयंती कथारंग फाउंडेशन प्रतिवर्ष मनाता रहा है। इस बार प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या पर हिंदी संस्थान लखनऊ के प्रेमचंद सभागार में कथारंग लखनऊ ने मल्हार कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रेमचंद का विवाह एक विज्ञापन से हुआ था,वे अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे। उन्होंने एक बार अपनी पत्नी को पत्र लिखा-एक घोंसले में दो पक्षी हैं, एक चला गया है. अकेलेपन में घर मुझे खाए जा रहा है। उन्होंने महिला प्रधान साहित्य लिखा। प्रेम की परिभाषा उन्होने इस प्रकार की जो कभी रो‌ नही सकता वो कभी प्रेम नहीं कर सकता। विवाह आत्म समर्पण है. प्रेम जीवन का सत्य है. क्रिकेट मैच उनकी अंतिम कहानी थी. 

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि संजीव जायसवाल ने कहा-प्रेमचंद..मेरे आदर्श हैं, आराध्य हैं, मैंने उनको पढ़कर ही लिखना सीखा. मैं बचपन में उनकी कहानियों का पुनर्लेखन करके उनका अंत बदल देता था, इस प्रकार अपनी कहानियों का अंत बदलने की कला जीवित हो गई। उनकी कहानियों की तीन विशेषताएं थीं. एक-उनकी कहानियां हर आयु वर्ग के लिए हैं. दो-प्रेमचंद की कहानियों में उनके शब्द उन दृश्यों को जीवित कर देते हैं. तीन-वर्तमान में जीते थे और उसी में लिखते थे. पूस की रात कहानी का ज़िक्र करते हुए कहा कि हल्कू अंत में जब हंसकर कहता है कि कल से सर्दी में खेत बचाने नहीं आना पड़ेगा तो एक गरीब किसान सारी पीड़ा पूरी सघनता के साथ सामने चित्रित हो जाती है.

मंच से प्रेमचंद की कहानी गिल्ली डंडा का अवधी बोली में जय सिंह और अनमोल मिश्रा द्वारा वाचन किया गया जिसे भरपूर सराहना मिली. हरिशंकर परसाई लिखित प्रेमचंद के फटे जूते संस्मरण का कथारंग फाउंडेशन की सचिव अनुपमा शरद ने भावपूर्ण वाचन किया। अवधी बोली में द्वारिका नाथ पाण्डेय द्वारा कथा किहानी आकर्षक शैली में प्रस्तुत किया गया. अवधी में किस्सागोई का यह पहला प्रयास था और कथा रंग इसमें कामयाब रहा. कहानी बड़े घर की बेटी के विवेक श्रीवास्तव, अजय त्रिपाठी, पुनीता अवस्थी, अनुपमा शरद और अनमोल मिश्रा द्वारा वाचन ने दर्शकों की तालियाँ बटोरीं. संध्या रस्तोगी द्वारा प्रेमचंद पर आधारित महादेवी वर्मा का एक संस्मरण प्रस्तुत किया गया.

इस अवसर पर लोकगीत और सावन गीत संगीत कमल संस्थान के छात्र, छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गए जिसे सुनकर श्रोता झूम उठे. संस्थान के अध्यक्ष राहुल अवस्थी की टीम ने कार्यक्रम को वाकई जन्मोत्सव का रूप दे दिया. इस अवसर पर दीपक सिंह ने एक कजरी और बधाई सुरीले अंदाज में गायी. एक प्रश्नोत्तरी भी प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आयोजित की गई जिसमें अनमोल और जय ने श्रोताओं से प्रश्न पूछे और विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप प्रेमचंद की पुस्तकें उपहार में दीं गयीं.

नवयुग में शिक्षिका ललिता पाण्डेय ने स्वनिर्मित पेंटिंग्स अतिथियों को भेंट की. साहित्य अनुरागी डिंपल त्रिवेदी ने चार युवाओं लोकगायक दीपक सिंह, छात्र अनमोल मिश्र, जय कौन्तेय और द्वारिका पाण्डेय को प्रोत्साहन राशि और पुस्तकें भेंट कीं. अतिथियों में संपादक हिंदी संस्थान डा.अमिता दुबे, अवधी के विद्वान रामबहादुर मिश्र, डा. सुधा राव, जी एम् नाबार्ड सुपर्णा टंडन, योग गुरू शशि प्रकाश श्रीवास्तव, जी एस टी अधिकारी शरद कमल, प्रदीप सारंग, पद्मा गिडवानी, हास्य व्यंग्य कवि मुकुल महान, मुकुल मिश्र, वर्षा पाण्डेय, पत्रकार लेखक दयानंद पाण्डेय, पप्पू अवस्थी, अपर्णा मिश्रा, दीप्ति जोशी, सारंग त्रिपाठी, अर्चना त्रिपाठी, गीतिका श्रीवास्तव, विनीता त्रिवेदी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ. अतिथियों का स्वागत पौध और हस्तनिर्मित पेंटिंग द्वारा किया गया. कार्यक्रम का परिचय कथारंग फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती नूतन वशिष्ठ द्वारा दिया गया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कथारंग फाउंडेशन की उपाध्यक्ष पुनीता अवस्थी ने दिया. कार्यक्रम का सफल संचालन अनुपमा शरद, अनमोल मिश्रा और जय सिंह ने किया. 


Published: 30-07-2023

Media4Citizen Logo     www.media4citizen.com
खबर आज भी, कल भी - आपका अपना न्यूज़ पोर्टल