11 जुलाई अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस पर दुनियाभर में तेजी से बड़ती जनसंख्या पर सबका ध्यान दिलाना होता है। लेकिन हम इसे लेकर कितने गंभीर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि आज जनसंख्या रुकने का नाम नहीं ले रही। बल्कि आज यह मुसीबत बनती जा रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल सिंह राणा दशकों से जनसंख्या कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। आज जनसंख्या दिवस के अवसर पर अपने निवास गांव कादीपुर से 25 किमी साइकिल यात्रा कर, प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन दिया। जिसमे उन्होंने जल्द से जल्द सख्त जनसंख्या कानून बनाने की मांग की है। उनका कहना है, आज बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करना बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हमे यह समझना होगा कि हमारे पास सीमित संसाधन है।
जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करते करते सिमट रहे है। जिसका असर पर्यावरण पर भी देखा जा सकता है। राणा का कहना है, अगर हम केवल भारत की बात करे तो आजादी के वक्त भारत की जनसंख्या मात्र 34 करोड़ थी, जो 75 सालों में 108 करोड़ बडकर 142 करोड़ हो गई है। जिसकी गति अब कई तेजी से बड़ रही है। जो बेहद चिंता का विषय है। कहा आज हम सबसे युवा देश है। अगर इन युवाओं के हाथों में काम ना दिया गया तो, यह खुशहाली के बदले बर्बादी में लगेंगे। आदमी के पास जितनी चादर हो उतने ही पैर पसारने चाहिए सरकारें जनता को जितनी सुविधा देती है। उससे ज्यादा जनसंख्या बढ़ने के कारण से हमेशा सुविधाओं का अभाव रहता है। नियंत्रित जनसंख्या से ही रोटी कपड़ा और मकान की कमी को मिटाया जा सकता है और खुशहाल देश बनाया जा सकता है