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भाग्योदय फाउंडेशन : बच्चों की संस्कारशाला का दूसरा दिन

ज्ञान, क्रियान्वयन एवं अनुशासन जीवन उत्थान के लिए रामबाण हैं| वर्तमान को संवारें, भविष्य व अतीत इसी से बनेंगे व संवरेंगे

 बच्चों की संस्कारशाला का दूसरा दिन
बच्चों की संस्कारशाला का दूसरा दिन
ज्ञान तभी सार्थक है जब उसका क्रियान्वयन किया जाए। क्रियान्वयन में अनुशासन बहुत जरूरी है। निरंतर अच्छाइयां ग्रहण करने से बुरी आदतें दूर होती जाती हैं। जीवन में सीखी हुई बातों को अभ्यास के द्वारा जीवन में उतारें। कोई आपको कभी समझाए या डांटे तो तुरंत जवाब न दें, सोच समझकर उसे स्वीकार करें। कभी कभी इग्नोर करना भी लाभदायक होता है। 
 
यह बातें आज इंसाफनगर-इंदिरानगर स्थित ज्ञान गंगा गुरुकुलम के सभागार में भाग्योदय फाउंडेशन द्वारा आयोजित किशोर बच्चों की संस्कारशाला में वृंदावन से आए आचार्य संतोष भाईश्री ने कहीं। वह लखनऊ के विभिन्न अंचलों से आए किशोर बालक एवं बालिकाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बच्चों को मोबाइल का उपयोग कम से कम करने की प्रेरणा दी। आचार्यश्री ने किशोर-किशोरियों को जीवन में सफलता के अनेक आध्यात्मिक सूत्र दिए।
 
भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व संस्थापक राम महेश मिश्र ने बच्चों के सुखमय उज्जवल भविष्य एवं सफल जीवन की दिशाधारा के 108 सूत्रों पर चर्चा की। पूर्व आईएएस अधिकारी राम विशाल मिश्र ने विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य और अतीत का कोई अस्तित्व नहीं होता, वह वर्तमान से बनते हैं। वर्तमान आपके हाथ में है, उसे खूबसूरती से जियें और सशक्त बनाएं। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई, खेल शयन, व्यवहार आदि के अनेक सूत्रों पर चर्चा की। हास्ययोगी शिवाराम मिश्र ने किशोर बच्चों को हंसी एवं प्रणाम के लाभ बताए। मीरा मिश्रा, पूजा तिवारी व दीप्ति चतुर्वेदी के "ज्योति से ज्योति जगाओ सद्गुरु" गीत पर बच्चे थिरक उठे। 
 
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अंशुमाली शर्मा ने दादी नानी की कहानियों की चर्चा की और कहा कि इन कहानियों से बच्चों को कल्पना की उड़ान मिला करती थी। उन कहानियों को वापस लौटाने पर उन्होंने बल दिया।
 
डॉ. शर्मा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित 10 जीवन सूत्रों- स्वजागरूकता, प्रभावी संप्रेषणज़ सिंपैथी, समस्या समाधान, तनाव प्रबंधन, अंतर वैयक्तिक संबंध आदि पर चर्चा की। युवा चिंतक देवव्रत मिश्र ने बच्चों से कहा कि जो विचार आज आप धारण करेंगे, वे कल आपके लिए फलदाई सिद्ध होंगे। उन्होंने विचारों की महत्ता किशोर बच्चों को समझाई। इस अवसर पर ज्ञान गंगा गुरुकुलम के संस्थापक ज्ञान पाण्डेय, भाग्योदय फाउंडेशन की न्यासी नीना अग्रवाल,  संस्कार प्रमुख रामेन्द्र कुमार मिश्र, राजेश प्रसाद मिश्र, अपूर्व माहेश्वरी, एडवोकेट कुमुदिनी देवी, श्याम कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।

Published: 25-06-2023

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