जिला रायबरेली के रतापुर में निर्माण इन्स्टिट्यूट व काव्योम परिवार रायबरेली के तत्वाधान में डॉ भीम राव अंबेडकर जी की 132 वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनायी गई जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे साहित्यकार श्री परम हंस मौर्य जी जिन्होनें अपने गीत गजलों, छंद और मुक्तक के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया और कहा शिक्षा संस्कृति, सभ्यता और संस्कार है । निर्माण इन्स्टिट्यूट के अध्यक्ष निर्भय ने बताया की अम्बेडकर जी देश के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होनें समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की। उन्हों ने महिलाओं की स्थिति सुधार व समानता के लिए सराहनीय कार्य किए। जयंती के उपलक्ष्य में अम्बेडकर ब्रिलियंट प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें गाँव देवानंदपुर की छात्रा रीना गौतम ने प्रथम स्थान तथा आदर्श कश्यप ने द्वितीय स्थान और धीरेन्द्र यादव, चन्द्रकेश मौर्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
काव्योम परिवार रायबरेली शाखा के समन्वयक प्रदीप मौर्या जी ने विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब ने उस समय शिक्षा ग्रहण की जब अछूतों या कहूँ दलित वर्ग के लोगो को शिक्षा का अधिकार नहीं था तब उन्होनें रोजमर्रा की सभी मुश्किलों को सहन करते हुए शिक्षा ग्रहण की। जबकि आजकल शिक्षा का अधिकार होते हुए भी अगर कोई शिक्षक डाँट डपट देता है तो वह स्कूल नहीं आता, सुसाईड जैसे अनेक केस देखने को मिलते हैं क्योंकि इन्हे सब कुछ आसानी से उपलब्ध है। निर्माण इन्स्टीट्यूट के अध्यापक देवेन्द्र मौर्या ने बताया की अंबेडकर एक विचार नहीं विचारधारा हैं। इस अवसर पर आँचल सोनकर, अंजली वर्मा, अंकुश मौर्या, आयुष यादव, अर्चिता यादव, खुशी सिंह, मौनी मौर्या, संजना पटवा, गणेश यादव, शिवानी आदि छात्र उपस्थित रहे।