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स्कंदमाता की कृपा से : होती है संतान की प्राप्ति

गोविंदानंद आश्रम में श्रद्धालुओं की होती है मनोकामना पूर्ण,आश्रम के साथ श्रद्धालु भी रखते है कन्याओं का विशेष ध्यान।

होती है संतान की प्राप्ति
होती है संतान की प्राप्ति

श्री गोविंदानंद आश्रम में महंत बंसी पुरी जी महाराज व महंत सर्वेश्वरी गिरि की अध्यक्षता में चल रहे पाठात्मक सहस्त्र चंडी महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी। महायज्ञ के पांचवे दिन नगर के कई गणमान्य लोगों द्वारा मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा की गई। ज्योतिषाचार्य डा. अभिषेक कुश की अगुवाई में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा प्रात: पूरे विधि-विधान से यजमनों की पूजा अर्चना करवाई गई।
महंत सर्वेश्वरी गिरि ने श्रद्धालुओं पर अपने प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए कहा कि स्कन्दमाता भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों में मां स्कंदमाता की आराधना का काफी महत्व बताया गया है। इनकी भक्ति से भक्त को मोक्ष मिलता है, सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। इसके अलावा स्कंदमाता की कृपा से संतान के इच्छुक दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त हो सकता है।

आयोजकों की ओर से मुख्यातिथियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस मौके पर सुशील गुप्ता, कुलदीप मुलतानी, जितेंद्र बबलू, विनोद बंसल, पार्षद राजेश गोयल, समाजसेवी तरसेम गर्ग, बारू राम बंसल, आदित्य बहल, सतीश धवन सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो - गोविंदानंद आश्रम में सतचंड़ी महायज्ञ में भाग लेते श्रद्धालु।


Published: 27-03-2023

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