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अवधी साहित्य संस्थान : परिचर्चा और सम्मान

अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के सौजन्य से सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी समाधि स्थल रामनगर में सारस्वत सम्मान समारोह एवं हिंदी साहित्य के संवर्धन में अवधी की भूमिका विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ.

परिचर्चा और सम्मान
परिचर्चा और सम्मान

अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के सौजन्य से सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी समाधि स्थल रामनगर में सारस्वत सम्मान समारोह एवं हिंदी साहित्य के संवर्धन में अवधी की भूमिका विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि‌ रमाकांत तिवारी 'रामिल' प्रमुख अभियंता लघु सिंचाई, उत्तर प्रदेश शासन विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ राम बहादुर मिश्र तथा जियालाल आर्य पूर्व गृह सचिव बिहार प्रदेश अध्यक्षता कर रहे थे.

संयोजक संस्था द्वारा अवधी साहित्यिक क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों के दृष्टिगत ग्यारह अवधी सेवियों डॉ रामबहादुर मिश्र, जियालाल आर्य, प्रदीप तिवारी 'धवल', आराध्य शुक्ल, रत्नेश कुमार गौतम, सूर्य प्रकाश शर्मा, शिशिहर 'शान्ती मिश्रा 'गुंजन', इंद्रजीत भदोरिया, अंजनी अमोघ, डॉ संतलाल, सूर्य प्रकाश पांडे 'सूरज' को जायसी अवधी सम्मान प्रदान किया गया तथा सात अवधी आराधकों अनीश देहाती, प्रदीप सारंग, रामरथ पांडेय, इंद्र बहादुर सिंह, अल्हड़ गोंडवी, हरीशचंद्र पांडे 'हरि', मकसूद अफरीदी को तुलसी अवधी सम्मान प्रदान किया गया.

अभ्यागत अतिथि गण का स्वागत करते हुए अवधी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि संस्थान द्वारा प्रत्येक वर्ष स्थापना दिवस पर समर्पित साहित्य सेवियों को सम्मानित किया जाता है. संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जियालाल आर्य ने कहा कि जायसी का पद्मावत महान ग्रन्थ है, जिसका अवधी के उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान है. विशिष्ट अतिथि डॉ रामबहादुर मिश्र ने कहा कि अवधी के बिना हिंदी का सम्वर्द्धन संभव नही है. अवधी संस्कृति भारत की पहचान है. मुख्य अतिथि रमाकांत तिवारी ने कहा कि अवधी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत है. महासचिव डॉ धनंजय सिंह ने कहा कि आज अगर स्थानीय संस्कृति को बचाना है तो अवधी को को सशक्त बनाना होगा.

अंतरराष्ट्रीय अवधी लोकगायिका कुसुम वर्मा के गीतों तथा रामरथ पाण्डेय के आल्हा ने सभी का मन मोह लिया तो वहीं कवि राजेंद्र शुक्ल अमरेश, सुरेश नवीन, बालकृष्ण शुक्ल, हरिश्चंद्र पांडे हरि, रामफेर यादव के काव्यपाठ ने कार्यक्रम को आकर्षक बना दिया। कथारंग की संस्थापक नूतन वशिष्ठ ने कहानियों की महत्ता पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन अनिरुद्ध मिश्रा ने किया. सारस्वत समारोह में अम्बरीश मिश्र, श्रीनाथ शुक्ल, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अभिमन्यु पांडेय, विष्णु शर्मा कुमार, गंगाराम कुरील, सुमित यादव आदि मौजूद रहे.


Published: 13-09-2022

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