रायवाला में मंगलवार को मां होशियारी माता मंदिर में हरितालिका तीज का आयोजन किया गया. मां होशियारी माता मन्दिर सिद्धपीठ ट्रस्ट के प्रवक्ता एवम कोषाध्यक्ष विरेन्द्र नौटियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन सिद्धपीठ होशियारी माता मन्दिर में यह मेला 50 वर्षों से अधिक समय से मन्दिर परिसर में लगाया जाता है एवम यह भी बताया कि यह मेला पहले कही नही लगाया जाता था. विगत कुछ ही वर्षों से यह मेला अब अलग अलग जगहों में लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस हरतालिका तीज की उत्पत्ति होशियारी माता मन्दिर से ही हुई है. ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की एवम देहरादून तक के लोग यहां का मेला एवम लोक नृत्य देखने आया करते थे.
विरेन्द्र नौटियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के दिन हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का बहुत बड़ा महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. हरतालिका तीज को संकल्प शक्ति का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का परम पावन व्रत माना जाता हैं. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होकर लिया जाता है. इस व्रत को कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियां रखती हैं.
माँ होशियारी माता मन्दिर सिद्धपीठ ट्रस्ट ने मेले के सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन एवं समस्त जनता का आभार व्यक्त किया. मेले में गोर्खाली एवम अन्य समुदाय की महिलाओं द्वारा भगवान शिव-पार्वती की पूजा अर्चना कर मंदिर में सांस्कृतिक लोक नृत्य प्रस्तुत किया. मेले का आकर्षण का केन्द्र पीपल वृक्ष में रस्सी का झूला एवम सांस्कृतिक लोक नृत्य रहा.
इस मेले के दौरान माँ होशियारी माता मंदिर सिद्धपीठ ट्रस्ट के प्रवक्ता एवम कोषाध्यक्ष विरेन्द्र नौटियाल, सचिव ट्रस्टी सुभाष भट्ट, बंशीधर चमोली, वेद प्रकाश बिजल्वाण, रतन लाल बहुगुणा, दीपा चमोली, बीना बंगवाल, ममता पंत, दिव्या बेलवाल, अंजना चौहान, सपना गुसाईं, अनिता देवी, अनिल डबराल, मानसी डबराल, ऋषि राम, गोपाल सिंह, रमा देवी, लष्मी गुरुंग, कमलेश भंडारी, अल्का क्षेत्री, यशोदा शर्मा, दुर्गा देवी, मंजू थापा, मंजू क्षेत्री, अशोक थापा, दीपक सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.