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युवा कवि निखिल आनंद गिरि : प्रथम काव्य संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का भव्य लोकार्पण

मूल रूप से बिहार में जन्मे और झारखंड के रांची और जमशेदपुर में पले-बढ़े युवा कवि निखिल आनंद गिरि ने जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की और विभिन्न मीडिया समूहों में कार्य किया. फिलहाल निखिल आनंद गिरि दिल्ली मेट्रो में जनसंपर्क अधिकारी हैं.

प्रथम काव्य संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का भव्य लोकार्पण
प्रथम काव्य संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का भव्य लोकार्पण

युवा कवि निखिल आनंद गिरि के पहले कविता संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का भव्य लोकार्पण आईटीओ स्थित हिंदी भवन सभागार में संपन्न हुआ. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ कवि मदन कश्यप, साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ कवयित्री अनामिका, वरिष्ठ कवयित्री सुमन केशरी, वरिष्ठ कवि व प्रसिद्ध व्यंग्यकार रामकिशोर उपाध्याय उपस्थित रहे. इसके अलावा श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल, श्री अनुज दयाल, अधिशासी निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री राजेश गिरि, प्रधानाचार्य, राजधानी कॉलेज आदि गणमान्य हस्तियां भी सभागार में उपस्थित रहीं.

कार्यक्रम में स्वागत भाषण रामकिशोर उपाध्याय ने दिया और मंच संचालन पाखी पत्रिका के संपादक पंकज शर्मा ने किया. श्री उपाध्याय ने निखिल की तुलना जर्मन कवि रिल्के से करते हुए कहा कि किताब के शीर्षक से लेकर हर पंक्ति पाठकों को खींचती है और सांकेतिक लहज़े में इस समय के हर पहलू पर चोट करती है.

लोकार्पण समारोह के दौरान श्री मदन कश्यप ने युवा कवि को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निखिल राजनीतिक सजगता के कवि हैं और कविताओं में सिर्फ यथार्थ का शाब्दिक चित्रण नहीं, बल्कि इनका अनुसंधान भी दिखता है. संग्रह की कुछ कविताओं का जिक्र करते हुए श्री मदन कश्यप ने कहा कि इन कविताओं में अनुभव जनित अन्वेषण के साथ-साथ विश्वदृष्टि भी परिलक्षित होती है.

इस अवसर पर वरिष्ठ कवयित्री अनामिका ने अपने संबोधन में कहा कि निखिल के पहले कविता संग्रह में सबसे महत्त्वपूर्ण बात प्रभावी मितकथन है. अभिधा, व्यंजना और लक्षणा के साथ शब्दशक्ति की ऊर्जा पाठकों में निश्चय ही स्पंदन पैदा करती है. निखिल की कविताओं में मां, बेटी, पिता जैसे रिश्तों का दार्शनिक विश्लेषण भी अनामिका जी ने खूब सराहा.

अपने आत्मकथ्य में निखिल आनंद गिरि ने अपने परिजनों, संगी-साथियों के साथ मिले अनुभवों को अपनी कविताओं का स्त्रोत बताया और कहा कि इस समाज को आज सबसे अधिक कवितामय होने की ज़रूरत है. श्री गिरि ने अपने कविता संग्रह से कुछ कविताओं का पाठ भी किया जिसे उपस्थित श्रोताओं की ख़ूब सराहना मिली. मूल रूप से बिहार में जन्मे और झारखंड के रांची और जमशेदपुर में पले-बढ़े युवा कवि निखिल आनंद गिरि ने जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की और विभिन्न मीडिया समूहों में कार्य किया. फिलहाल निखिल आनंद गिरि दिल्ली मेट्रो में जनसंपर्क अधिकारी हैं.

वरिष्ठ कवयित्री सुमन केशरी ने भी इस अवसर पर सभा को संबोधित किया और कुछ कविताओं का पाठ भी किया. दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में समापन तक श्रोताओं का आना जारी रहा और साहित्य प्रेमियों ने पूरे कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया. कार्यक्रम का संचालन पाखी पत्रिका के संपादक पंकज शर्मा ने किया.

ऑनलाइन माध्यमों से बेस्टसेलर की श्रेणी में आई इस नई किताब में क़रीब 70 कविताएं हैं जो वर्तमान समय के सभी पहलुओं पर अपना सशक्त बयान देती हैं. नई किताब समूह के अनन्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस संग्रह का मूल्य मात्र 150 रुपये है.



Published: 29-06-2022

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