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उत्तराखंड की धरती : वेदों, पुराणों एवं ज्योतिष की जननी

उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां पर नई शिक्षा नीति पूर्ण रूप से लागू होगी और उसमें ज्योतिष और वेदों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत निरंतर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों से विचार विमर्श कर ऐतिहासिक कदम उठा रहे हैं.

 वेदों, पुराणों एवं ज्योतिष की जननी
वेदों, पुराणों एवं ज्योतिष की जननी

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की धरती सभी वेदों पुराणों एवं विशेष रूप से ज्योतिष की जननी है इसलिए शंकराचार्य जी ने देश के चार मठों में यहां पर ज्योतिष मठ की स्थापना की जिसे कालांतर में लोग जोशीमठ के नाम जानने लगे. उन्होंने यह भी कहा कि कैलाश पर्वत में घटी घटना के बाद गणेश जी पर हाथी की सूंड लगाने का मामला रहा हो अथवा हरिद्वार कनखल में दक्ष प्रजापति पर बकरे का मुंह लगाने का प्रकरण रहा हो मेडिकल साइंस में इससे बड़ी सर्जरी दुर्लभ है जो आज से वर्षों पूर्व उत्तराखंड की धरती पर मंत्र और यंत्रों की सिद्धि से हो चुकी है. इसलिए यह धरती तपोभूमि है.

डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल दो दिवसीय राजस्थान दौरे से आज वापस उत्तराखंड लौट आये. उत्तराखंड एयरपोर्ट पर अनुयायियों ने उनका भव्य स्वागत किया. डॉक्टर घिल्डियाल के कार्यक्रम प्रभारी ठाकुर खेत सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान द्वारा ज्योतिष एवं विज्ञान पर राजस्थान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रखी गई थी जिसमें उत्तराखंड रत्न डॉ चंडी प्रसाद को अति विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. उद्घाटन समारोह के लिए एयरपोर्ट पहुंचने पर हिंदू महासभा, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक एवं शैक्षिक समितियों से जुड़े हुए लोगों ने उनका फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया.

जयपुर में कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उन्होंने राजस्थान की धरती पर यह कहकर उत्तराखंड राज्य का झंडा बुलंद कर दिया कि बहुत शीघ्र जुलाई माह में उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां पर नई शिक्षा नीति पूर्ण रूप से लागू होगी और उसमें ज्योतिष और वेदों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत निरंतर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों से विचार विमर्श कर ऐतिहासिक कदम उठा रहे हैं. उन्होंने वहां यह भी कहा कि उत्तराखंड की सरकार चार धाम यात्रा को पूर्ण वैदिक और आध्यात्मिकता से शिष्टाचार पूर्वक संपन्न कर रही है और वे स्वयं देश के विभिन्न प्रदेशों से यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को धर्म एवं ज्योतिष पर निरंतर परामर्श दे रहे हैं.

आज उत्तराखंड वापस लौटने पर एयरपोर्ट पर आचार्य श्री के अनुयायियों ने उनका भव्य और दिव्य स्वागत किया. बताया गया है कि राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तराखंड का नाम ऊंचा करने के लिए कल सबसे पहले हंस फाउंडेशन की तरफ से डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का उनके आवास पर भव्य स्वागत किया जाएगा और उसके बाद कई अन्य संस्थाओं और समितियों के उच्च पदाधिकारी उनसे भेंट करेंगे.


Published: 13-06-2022

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