कहीं और शिफ्ट करने की मांग
उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उप जिलाधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया. मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा व संरक्षक महावीर उपाध्याय ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश द्वारा लाल पानी बीट में कचरा निस्तारण का कार्य करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है किंतु उक्त स्थल के समीप बसी आबादी के नागरिकों द्वारा निरंतर विरोध दर्ज किया जा रहा है. इससे आने वाले समय में उनके आसपास की हवा, मिट्टी तथा पानी प्रदूषित होना तय है जिससे उनके व उनके बच्चों का भविष्य खराब होना तय है. नगर निगम द्वारा जबरन पर्यावरण आपके दावे सुनवाई के समय मनमानी करते हुए आम नागरिकों का पक्ष सुने बिना एकपक्षीय कार्यवाही की गई तथा उस समय उक्त जनसुनवाई का भारी विरोध हुआ था जिस के संबंध में अखबारो मैं सूचना प्रमुखता से छपी थी.
देहरादून के शीशम बाड़ा प्लांट का उदाहरण अपने आप में सबके सामने दृष्टिगोचर है कि वहां पर कूड़ा निस्तारण नहीं किया गया तथा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया जिससे आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. देहरादून जैसे नगर निगम द्वारा जब यह प्रक्रिया कुशलतापूर्वक प्रभावी रूप से लागू नहीं की जा सकी तो तृतीय श्रेणी के नगर निगम ऋषिकेश द्वारा उक्त कूड़ा निस्तारण को प्रभावी रूप से किया जाना अपने आप में संदेहजनक है.
क्षेत्र के गरीब आम नागरिकों के भविष्य को देखते हुए नगर निगम के उक्त ट्रेंचिंग ग्राउंड को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने का कष्ट करें जिससे नागरिकों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके तथा ऋषिकेश जैसे पावन शहर को कूड़े के ढेर व वायु, जल प्रदूषण से मुक्त रखा जा सके. इस हेतु अवगत कराना है कि ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर नगर निगम हरिद्वार के सराय स्थित प्लांट में बड़े पैमाने पर भूमि उपलब्ध है तथा वहां कूड़ा निस्तारण प्लांट स्थापित किया गया है. यदि नगर निगम ऋषिकेश का कूड़ा कंपैक्ट मशीनों का प्लांट वहां लगाया जाता है तो वह एक उचित विकल्प होगा. ऋषिकेश चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार है. इसके पूर्व में पतित पावनी मां गंगा पश्चिम में देहरादून का वन क्षेत्र उत्तर में टिहरी गढ़वाल जिला एवं दक्षिण में गुमानीवाला, रायवाला तथा हरिद्वार जिले की सीमा लगती है. अतः नगर निगम ऋषिकेश का विस्तार दक्षिणी सीमा में ही हो सकता है.
इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा नगर निगम रुड़की में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट प्लांट लगाने का प्रयास किया जा रहा है. यदि इसी प्रकार प्लांट नगर निगम हरिद्वार के सराय प्लांट में स्थापित किया जाए तो आसपास के निकायों का समस्त कूड़ा उक्त वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को दिया जा सकता है जिससे प्लांट को पर्याप्त कूड़ा ना मिलने के कारण होने वाले अवरोधों से बचा जा सकेगा तथा पर्याप्त कूड़ा प्राप्त होने से वेस्ट एनर्जी प्लांट प्रभावी रूप से कार्य कर सकेगा. अतः नगर निगम ऋषिकेश द्वारा लाल पानी बीट में बनाए जाने वाले ट्रेचिंग ग्राउंड आदि की कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए वहां के नागरिकों के जीवन की रक्षा करने की जा सके तथा ऊपर बताए गए विकल्पों में से किसी पर विचार करते हुए कार्रवाई कराने की कृपा करें उक्त ज्वलंत विषय पर मंच द्वारा निम्न संस्थाओं को प्रतिलिपि प्रेषित की गई. ज्ञापन प्रेषित करने वालों में विनोद पोखरियाल, देवेंद्र दत्त बेलवाल, चंदन सिंह राणा, धर्मेंद्र कुमार, धर्म सिंह छेत्री, सुंदर जीना, मनवीर भंडारी, लाल सिंह बोरा आदि उपस्थित थे.