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'भूमि' फीचर फिल्म : ऋषिकेश में आर्टिस्ट का ऑडिशन

ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित भूमि फीचर फिल्म के ऑडिशन के दौरान किसना बग्गोट घन्ना भाई ने‌ बताया कि उन्होंने अभी तक उत्तराखंड की समस्या पर क़रीब 24 फिल्म की है जिनमें नंदू की‌ बावजू, ननू सोनाली, ब्वारी बकी बात की, चोली, मर्डर, संदूर, गंगा से गिरी, जगवाल, आदि फिल्में, काफी प्रचलित रही.

ऋषिकेश में आर्टिस्ट का ऑडिशन
ऋषिकेश में आर्टिस्ट का ऑडिशन

उत्तराखंड की संस्कृति और समस्याओं पर आधारित बगोट फिल्म एंड आर्ट्स के बैनर पर 24 फिल्में बना चुके, किशना बगोट घन्ना भाई 25वीं निर्माणाधीन उत्तराखंड के भू कानून पर आधारित गढ़वाली फीचर फिल्म भूमि का ऑडिशन रविवार को ऋषिकेश मे किया गया.

रविवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित भूमि फीचर फिल्म के ऑडिशन के दौरान किसना बग्गोट घन्ना भाई ने‌ बताया कि उन्होंने अभी तक उत्तराखंड की समस्या पर क़रीब 24 फिल्म की है जिनमें नंदू की‌ बावजू, ननू सोनाली, ब्वारी बकी बात की, चोली, मर्डर, संदूर, गंगा से गिरी, जगवाल, आदि फिल्में, काफी प्रचलित रही 

उन्होंने बताया कि उनकी अब अगली फिल्म उत्तराखंड के भू कानून पर आधारित बनाई जा रही है जिसमें उत्तराखंड की भूमि पर कब्जा करने के लिए कुछ बदमाश यहां आते हैं, और उस भूमि को कब्जाने का पूरा प्रयास करते हैं. यह पूरी तरह उत्तराखंड की भूमि को बचाए जाने की स्टोरी पर आधारित फिल्म है. उनका प्रयास है कि यह फिल्म बाजार में फरवरी 2023 तक आ जाएगी, जिस पर उनके द्वारा पूरे जोर-शोर के साथ कार्य किया जा रहा है. बगोट ने बताया कि इस फिल्म के निर्माण की शुरुआत हो चुकी है, यह फिल्म ढाई से 3 करोड़ की लागत की होगीी जिसमें 3 गानों केेे साथ‌ फाइट भी होगी जिसमें 4 स्थानीय प्रधानाचार्य और एक गुंडा ‌‌ पार्टी भी होगी. कुल मिलाकर एक पार्टी जमीन बचाने के लिए आंदोलन करेगी और दूसरी पार्टी जमीन बेचने का प्रयास करेगी जिसके लिए स्थानीय कलाकारों का ऑडिशन कर चयन किया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से अपेक्षा जताई है कि सरकार को और स्थानीय फिल्म बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, और सभी फिल्म निर्माता निर्देशकों को यहां आने के लिए आमंत्रित करना चाहिए. फिल्म के सहयोगी चंद्रमोहन जदली ने बताया कि अभी तक यहां समस्या यह है कि फिल्म बनाने वालों को स्थानीय स्तर पर स्क्रीन उपलब्ध नहीं हो पाती है जिसके कारण फिल्म निर्माता हताश हो रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि उत्तराखंड में आजादी के बाद से ही फिल्म बनाए जाने के लिए काफी फिल्म निदेशक आ चुके हैं और उन्होंने यहां की वादियों को पहचान भी दिलाई है. उनकी यह भूमि फिल्म भी इसी प्रकार की संस्कृति पर आधारित फिल्म है क्योंकि यहां की‌ भूमि को लेकर क्या हो रहा है. उससे हमारी युवा पीढ़ी भी प्रेरणा लेगी.

इस दौरान एक दर्जन से अधिक युवा कलाकारों ने अपना ऑडिशन दिया. इस दौरान चंद्रमोहन, रेखा भंडारी, कुसुम जोशी, भी उपस्थित थे.


Published: 22-05-2022

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