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डी पी सिन्हा और प्रेम जनमेजय को : अट्टहास शिखर सम्मान

अट्टहास युवा सम्मान 2019 का वैज्ञानिक और युवा कवि पंकज प्रसून और 2020 का व्यंग्यकार अनुज खरे को दिया गया. वरिष्ठ पत्रकार गोपाल मिश्र, दूरदर्शन के पूर्व अधिकारी आलोक शुक्ल, भूवैज्ञानिक दीपक श्रीवास्तव, भारत सरकार की पूर्व सचिव स्तुति कक्कड़ और हिंदी न्यूज पोर्टल मीडिया4सिटिजन के मैनेजिंग एडिटर रजनीकांत वशिष्ठ को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया.

अट्टहास शिखर सम्मान
अट्टहास शिखर सम्मान

प्रख्यात नाटककार दया प्रकाश सिन्हा को 2019 और व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय को 2020 के अट्टहास शिखर सम्मान से विभूषित किया गया है. अट्टहास युवा सम्मान 2019 का वैज्ञानिक और युवा कवि पंकज प्रसून और 2020 का व्यंग्यकार अनुज खरे को दिया गया.

माध्यम साहित्यिक संस्थान ने कोरोना काल के कारण एक साथ दो साल का पुरस्कार समारोह नयी दिल्ली के हिंदी भवन में 27 मार्च की शाम आयोजित किया था. पिछले 40 वर्षों से दिया अट्टहास सम्मान यह व्यंग्य के क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है. यह पुरस्कार मनोहर श्याम जोशी शरद जोशी, हुल्लड़ मुरादाबादी अशोक चक्रधर, सुरेंद्र शर्मा सहित तमाम व्यंग्यकारों को पूर्व में दिया गया है. शिखर सम्मानों के अतिरिक्त अन्य कई व्यंग्यकारों को भी उनकी सुदीर्घ साहित्य सेवा हेतु सम्मानित किया गया, जिसमें इलाहाबाद के राजेश श्रीवास्तव को महा कवि बिहारी सम्मान, आभा सिंह को शरद जोशी सम्मान, भारती पाठक को रामचंद्र शुक्ल सम्मान दिया गया. लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड लखनऊ के वरिष्ठ लेखक आलोक शुक्ला, प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक दीपक श्रीवास्तव, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्तुति कक्कड़, वरिष्ठ पत्रकार गोपाल मित्र, डॉ एस के शुक्ला, डॉ मधु आचार्य आशावादी एवं रजनीकांत वशिष्ठ को प्रदान किया गया.

अट्टहास शिखर सम्मान 2019 से सम्मानित वरिष्ठ नाटककार पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा ने कहा "कहा जाता है कि फिल्म दूरदर्शन टीवी सीरियल के युग में नाटक विधा अप्रासंगिक हो गई है. यह सत्य नहीं है. फिल्म में मनुष्य अपने कद से बहुत बड़ा दिखाई देता है. टीवी में वह अपने कद से बहुत छोटा दिखाई देता है. केवल थिएटर में वह अपने कद में दिखाई देता है. जब तक मानव सभ्यता रहेगी तब तक रंगमंच जीवंत रहेगा." अट्टहास शिखर सम्मान 2020 से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा, "व्यंग्य का पथ बहुत दुर्गम है इस पर चलना बहुत कठिन है जितना चलना कठिन है उससे ज्यादा व्यंग्यकारों को सम्मानित करना कठिन है लेकिन सम्मान उत्प्रेरक होने चाहिए, लक्ष्य नहीं. व्यंग्य लेखन के साथ-साथ उस पर विमर्श बहुत आवश्यक है."

अट्टहास युवा सम्मान 2019 से सम्मानित लखनऊ के व्यंग्यकार पंकज प्रसून ने कहा कि व्यंग्य हमेशा सत्ता के विरुद्ध ही लिखा जाता है, चाहे वह राजनीतिक सत्ता हो, चाहे पारिवारिक या फिर सामाजिक. उन्होंने कटाक्ष करते हुए सुनाया-" कुर्सी का पानी से गहरा नाता है, कुर्सी छिनते ही आंखों में पानी भर जाता है.और कुर्सी मिलते ही आंखों का पानी मर जाता है." अट्टहास युवा सम्मान 2020 से सम्मानित भोपाल के व्यंग्यकार अनुज खरे ने कहा-" व्यंग्य की क्वालिटी को लेकर काफी चिंता है देश में. इस समय प्रति एकड़ में 200 से ऊपर व्यंग्यकार पाए जा रहे हैं. लेखक ज्यादा हैं, श्रोता कम हैं. यह लेखक और श्रोता का अनुपात भारी चिंता का विषय है.

वरिष्ठ व्यंग्यकार सुभाष चंदर ने अखबारों में बंद होते व्यंग्य के स्तम्भों पर चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति व्यंग्य जगत के लिए सुखद नहीं है. व्यंग्य को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहिए. माध्यम,एनसीआर एवं दिल्ली के अध्यक्ष राम किशोर उपाध्याय के कहा "व्यंग्य लेखन साहित्य का एक अपरिहार्य अस्त्र है जो हमारी संवेदना को व्याप्त विसंगतियों के विरुद्ध उत्तेजित कर चेतना का भाव जगाता है. व्यंग्य कटु हो सकता है किंतु अहितकर नहीं. यह सुधारात्मक कार्य है. विश्व ने अनेक हास्य और व्यंग्यकारों को पैदा किया है जिन्होंने अपनी चुटीली भाषा में हर विसंगति पर तीखा प्रहार किया है. भारत में संत कबीर को हिंदी का प्रथम व्यंग्य कवि माना जाता है. उनके दोहे समाज और धर्म की विसंगतियों पर प्रहार करते है और आज भी प्रासंगिक हैं."

माध्यम के महासचिव वरिष्ठ पत्रकार एवं व्यंग्यकार अनूप श्रीवास्तव ने सभी सम्मानितों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे सुधी साहित्यकारों के सहयोग से ही अट्टहास सम्मान विगत 40 वर्षों से अनवरत सफलतापूर्वक चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह अट्टहास की महिमा है श्री डीपी सिन्हा को वर्ष 2019 के लिए अट्टहास शिखर सम्मान की घोषणा के लगभग 15 दिन बाद ही पद्मश्री और सहित्य अकादमी की घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई.

माध्यम और आज कार्यक्रम के अध्यक्ष कप्तान सिंह ने इस अवसर पर आये हुए अतिथियों का अभिनंदन करते हुए बताया कि हमारी संस्था ने महासचिव अनूप श्रीवास्तव के सामूहिक भागीरथ प्रयासों से बीते सालों में उसे परम्परा को जिलाये रखा है जिसकी नींव डा हरिवंशराय बच्चन, डा शिवमंगल सिंह सुमन, ठाकुर चंद्रदेव सिंह, विद्यानिवास मिश्र और ठाकुर प्रसाद सिंह जैसी विभूतियों ने रखी थी. मुख्य अतिथि भारत सरकार की पूर्व सचिव स्तुति कक्कड़ और विशिष्ट अतिथि पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस की चीफ जनरल मेनेजर अंजू निगम, कथाकार बलराम, व्यंग्यकार सुभाष चंदर और महासचिव अनूप श्रीवास्तव ने मंच की शोभा बढ़ाई. संस्था के उपाध्यक्ष और कार्यक्रम के संचालक आलोक शुक्ल ने बताया कि 1 मई को लखनउ में एक गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा. आलोक ने लच्छेदार ढंग से ये कह कर सभागार में तालियाँ खूब बजवाईं कि ' मैं ताली बजाने को बिलकुल नहीं कहूँगा. उन्होंने सम्मान से पहले सभी का परिचय अपने अंदाज़ में पेश किया.

माध्यम के दिल्ली एनसीआर के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय ने इस कार्यक्रम की कुशल मेजबानी की. इस अवसर पर उनकी व्यंग्य पुस्तक मूर्खता के महर्षि और कीर्ति काले के व्यंग्य संकलन ओत्तेरेकी का विमोचन भी हुआ. सभागार में कथाकार बलराम, व्यंग्य स्तम्भकार आलोक पुराणिक, वरिष्ठ पत्रकार और हाल ही में अपनी किताबों से चर्चा में आये अश्विनी भटनागर सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे.


Published: 28-03-2022

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