राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान ने 25 अक्टूबर, 2021 को अपना 68वां वार्षिक दिवस मनाया. इस अवसर पर प्रो. के. पी. गोपीनाथन, विशिष्ट प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, मुख्य अतिथि थे.
संस्थान के निदेशक प्रो एस के बारिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें पादप विज्ञान से सम्बंधित कुल 132 परियोजनाओं पर अनुसंधान एवं विकास कार्य, कोरोना महामारी के दौरान हर्बल हैण्ड सैनीटाईजर, मास्क स्ट्रेस रिड्यूसर उत्पादों के साथ-साथ तीन अन्य पादप आधारित उत्पादों को विकसित करने व प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, आधुनिक वाईरोलॉजी प्रयोगशाला की स्थापना और लगभग दो लाख साठ हज़ार कोरोना नमूनों की जाँच, आठ नई प्रजातियों की खोज, साईकस की विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण, किसानों को हल्दी की खेती की नवीन जानकारी के साथ-साथ संस्थान द्वारा विकसित जैविक खाद आदि की जानकारी दी गई.
इस अवसर पर प्रो0 गोपीनाथन ने रेशम पैदा करने वाले कीटों पर चर्चा करते हुए कहा कि वैज्ञानिक विधि से रेशम की गुणवत्ता बढ़ाना बहुत आवश्यक है. पवन कुमार गंगवार, सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कहा कि एनबीआरआई अपने प्रसिद्ध वनस्पति उद्यान के लिए विख्यात है. कार्यक्रम के अंत में डॉ पी ए शिर्के ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और सभी को धन्यवाद दिया.