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पेगासस जासूसी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताया

पेगासस जासूसी मामले में 9 अर्जियों पर आज सुनवाई हुई

सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताया
सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताया

पेगासस जासूसी मामले में 9 अर्जियों पर आज सुनवाई हुई। ये अर्जियाँ वकीलों ,सोशल वर्कर्स ,पत्रकारों और एडिटर गिल्ड ऑफ़ इंडिया की ओर से दायर की गयी थी। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि पेगासस मामले की SIT जाँच कराई जाए। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यह कहा कि अगर जासूसी संबंधी रिपोर्ट सही है तो ये एक गंभीर आरोप है। साथ ही याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी -अपनी अर्जियों की प्रतिलिपि केंद्र को भेजें। केस की अगली सुनवाई अब मंगलवार को होगी। चीफ जस्टिस ने पिटीशनर्स से यह भी कहा कि कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि उनके फोन इंटरसेप्ट हुए हैं। इन शिकायतों के लिए टेलीग्राफ एक्ट है।

पत्रकार एन राम एवं शशि कुमार की पैरवी करते हुए कपिल सिब्बल ने यह कहा कि पेगासस एक ख़राब तकनीक है जो हमारी जानकारी के बिना जिंदगी में दाखिल हो जाती है। यह हमारी गरिमा ,निजता और गणतंत्र के मूल्यों पर हमला है। उनहोंने कहा कि स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जा सकता है ,निजी एजेंसियों को नहीं।

सिब्बल ने कहा कि संवैधानिक संस्थाएं ,अदालतों के अधिकारी ,शिक्षाविद और पत्रकार तक स्पाइवेयर के टारगेट थे। ऐसे में सरकार को जवाब देना चाहिए कि स्पाइवेयर किसने ख़रीदा ,हार्डवेयर कहाँ रखा गया और सरकार ने FIR क्यों नहीं दर्ज की। मैं चाहता हूँ की सरकार को नोटिस जारी किया जाए।

पेगासस स्पाइवेयर मामला है क्या ?
पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप का यह दावा है कि इजराइली कंपनी NSO के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस से 10 देशों में 50 हज़ार लोगों की जासूसी हुई। भारत में 300 लोगों के फ़ोन की निगरानी की गयी जिनमे विपक्ष के नेता ,पत्रकार ,मंत्री ,जज ,वकील ,अफसर ,कारोबारी ,वैज्ञानिक और एक्टिविस्ट्स शामिल हैं।


Published: 05-08-2021

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