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पाकिस्तानी संसद के भीतर का वो नजारा : इतिहास के पन्नों पर इसका उल्लेख स्वर्णाक्षरों में होगा

सतीश मिश्र : लखनऊ : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वाईरल हो रहा है. कुछ न्यूजचैनल भी अब उस वीडियो को दिखा रहे हैं. इस वीडियो में 28 अक्टूबर के दिन पाकिस्तानी संसद के भीतर का वो नजारा दिखायी दे रहा है जिसे देखकर हर भारतीय का सिर गर्व से तन रहा है

इतिहास के पन्नों पर इसका उल्लेख स्वर्णाक्षरों में होगा
इतिहास के पन्नों पर इसका उल्लेख स्वर्णाक्षरों में होगा

सतीश मिश्र : लखनऊ : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वाईरल हो रहा है. कुछ न्यूजचैनल भी अब उस वीडियो को दिखा रहे हैं. इस वीडियो में 28 अक्टूबर के दिन पाकिस्तानी संसद के भीतर का वो नजारा दिखायी दे रहा है जिसे देखकर हर भारतीय का सिर गर्व से तन रहा है. उस वीडियो में पाकिस्तानी संसद के भीतर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) पार्टी के सांसद अयाज सादिक बहुत स्पष्ट शब्दों में बता रहे हैं कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा के माथे से उस समय पसीना निकल रहा था और उसके पैर कांप रहे थे जब वो उस सर्वदलीय बैठक में शामिल होने आया था जिस बैठक में पाकिस्तान का विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी हमलोगों को बता रहा था कि "अगर पाकिस्तान ने विंग कमाण्डर अभिनन्दन को नहीं छोड़ा तो भारत आज रात 9 बजे हमला कर देगा." ध्यान रहे कि सांसद अयाज सादिक पाकिस्तान का कोई सामान्य साधारण नेता नहीं है. पाकिस्तानी संसद का स्पीकर रह चुका है. अयाज सादिक के बयान की पुष्टि पाकिस्तान के रक्षामंत्री रहे ख्वाजा आसिफ द्वारा पाकिस्तानी संसद के भीतर ही दिए गए भाषण ने भी कर दी है. उस सर्वदलीय बैठक में ख्वाजा आसिफ़ भी मौजूद था. पाकिस्तान की संसद में अयाज सादिक जब उपरोक्त सच्चाई बता रहा था उस समय केवल इमरान खान को छोड़कर सत्तापक्ष की बेंचों पर विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत पाकिस्तान की पूरी सरकार बैठी हुई थी लेकिन किसी ने भी अयाज सादिक के बयान का खण्डन नहीं किया. शाह महमूद कुरैशी समेत पूरा सत्तापक्ष सिर झुका कर अयाज सादिक की बात सुनता रहा था. पाकिस्तान की संसद में 28 अक्टूबर को घटा उपरोक्त पूरा घटनाक्रम कोई छोटी मोटी घटना नहीं है. यह घटनाक्रम भारतीय इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. ध्यान रहे कि पिछले 73 वर्षों के दौरान ऐसा नजारा कभी नहीं देखा गया है, 1971 और 1965 के युद्ध के बाद भी यह स्थिति नहीं थी कि भारत के डर से पाकिस्तान के आर्मी चीफ की टांगे कांपने लगी हों. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि युद्ध में हमारी सेना से बुरी तरह पराजित होने के बावजूद कूटनीतिक और राजनयिक युद्ध में पाकिस्तान हम पर भारी पड़ा था. इतिहास इसका गवाह है. अयाज सादिक का बयान बहुत स्पष्ट शब्दों में कल यह सन्देश भी दे गया है कि 5 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की कूटनीतिक सामरिक और राजनयिक शक्ति और सामर्थ्य को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. इसका दूसरा नवीनतम उदाहरण भी 28 अक्टूबर को ही तब देखने को मिला जब खाड़ी देशों समेत पूरी दुनिया के इस्लामी देशों के विरोध को ठोकर मारते हुए भारत ने फ्रांस द्वारा इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ़ की जा रही कठोर कार्रवाई का खुलकर समर्थन बाकायदा आधिकारिक बयान जारी कर के किया. उपरोक्त पूरा घटनाक्रम उन बेचैन बेताब लोगों को भी सन्देश दे रहा है जो प्रधानमंत्री मोदी के साहस, शक्ति और संकल्प को फरीदाबाद या ऐसी ही कुछ अन्य घटनाओं को कसौटी बनाकर परखने लगते हैं. उपरोक्त पूरे घटनाक्रम ने उन मोदी विरोधी राजनीतिक खेमों के मुंह पर भी कालिख पोत दी है जो पिछले 20 महीनों से देश में घूम घूमकर भारतीय वायुसेना से एयर स्ट्राइक का सबूत मांग रहे थे और यह दावा कर रहे थे कि बालाकोट में की गयी एयर स्ट्राइक फ़र्जी थी. उपरोक्त घटनाक्रम ने कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर का भी मुंह काला कर दिया है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए पाकिस्तान से मदद की भीख मांगने पाकिस्तान पहुंच गया था.


Published: 30-10-2020

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