मोह माया के चक्कर में बेशकीमती समय को व्यर्थ न गवांए : महन्त सर्वेश्वरी गिरि
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक : पिहोवा : गोविन्दानंद आश्रम ठाकुर द्वारा पिहोवा की महन्त सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज ने आज सत्संग में श्रद्धालुओं को बताया कि चौरासी लाख योनियों के भुगतान के बाद बड़ी मुश्किल से मोक्ष प्राप्ति के लिए मुनष्य योनि प्राप्त होती है और इंसान मोह माया के चक्कर में फंस कर इसे यों ही बर्बाद कर देता है. महन्त सर्वेश्वरी गिरि जी ने बताया कि ढलते हुए सूरज को देख कर हर कोई अपने घर की लाईट जला लेता है, लेकिन ढलती हुई उम्र देख कर भी भजन सिमरन कर अपने अंदर की लाईट जलाने की कोशिश कोई नही करता. इस अवसर पर आज अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करने वाली भारत की बेटी डॉ. संजीव कुमारी ने अपनी पुस्तक झड़ते पत्ते महन्त सर्वेश्वरी गिरि जी को भेंट की. इससे पहले भी डा. संजीव कुमारी समाज हित में कई पुस्तक लिख चुकी हैं और जल्द ही ओर भी पुस्तकें प्रकाशित होने को तैयार हैं. महन्त सर्वेश्वरी गिरि ने बताया कि मनुष्य का जीवन भी झड़ते पत्ते की तरह है. जैसे पत्ता झड़ जाता है वैसे ही मनुष्य का शरीर भी समय आने पर अपने आप झड़ जाता है. मनुष्य को युवावस्था के रहते ही मोह माया के चक्कर मे ना पड़कर मोक्ष प्राप्ति के लिए समय रहते अपने अंदर की लाईट को जगा लेनी चाहिए. इस अवसर पर षड्दर्शन साधुसमाज के प्रेस सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक भी मौजूद रहे. महन्त सर्वेश्वरी गिरि ने डा. संजीव कुमारी को शाल ओर फल भेंट कर सम्मानित किया व अपना आशीर्वाद प्रदान किया.